10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नॉर्थ ब्रुक जूट मिल के सीइओ की हत्या

मांगें नहीं मानने पर श्रमिकों ने पीट-पीट कर मार डाला, दो अन्य घायल, चार लोग गिरफ्तार हुगली : गें नहीं माने जाने से नाराज भद्रेश्वर थाने के चांपदानी स्थित नॉर्थ ब्रुक जूट मिल के मजदूरों के हमले में मिल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीइओ) एचके माहेश्वरी की मौत हो गयी. हमले में मिल के महाप्रबंधक […]

मांगें नहीं मानने पर श्रमिकों ने पीट-पीट कर मार डाला, दो अन्य घायल, चार लोग गिरफ्तार

हुगली : गें नहीं माने जाने से नाराज भद्रेश्वर थाने के चांपदानी स्थित नॉर्थ ब्रुक जूट मिल के मजदूरों के हमले में मिल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीइओ) एचके माहेश्वरी की मौत हो गयी. हमले में मिल के महाप्रबंधक कमलनाथ झा और सुरक्षा अधिकारी यदूगोपाल देबनाथ जख्मी हुए हैं. घटना रविवार सुबह 11 बजे की है. बवाल उस समय शुरू हुआ जब श्रमिकों को पता चला कि प्रबंधन हफ्ते में तीन दिन ही मिल चालू रखने की योजना बना रहा है.

अचानक श्रमिकों के एक समूह ने माहेश्वरी के कार्यालय का घेराव किया. मजदूरों से बातचीत करने के लिए जब वह दफ्तर से बाहर निकले तो श्रमिकों और उनके बीच कई मसलों को लेकर बहस हो गयी. इसके बाद हालात बिगड़ते चले गये. श्रमिकों ने सीइओ पर हमला कर दिया. उन्हें बेरहमी से पीटा गया. उन्हें बचाने के दौरान प्रबंधन के अन्य दो लोग भी घायल हो गये. सूचना पा कर पुलिस मौके पर पहुंची. घायल तीनों लोगों को चंदननगर स्थित इएसआइ अस्पताल ले जाया गया लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें कोलकाता के लिए रेफर कर दिया. नर्सिग होम ले जाने के दौरान सीइओ की मौत हो गयी.

सुबह हुई थी श्रमिक संगठनों की बैठक: स्थानीय सूत्रों के अनुसार, घटना के ठीक पहले रविवार सुबह 7.30 बजे जूट मिल प्रबंधन व आठ श्रमिक यूनियनों के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक हुई थी. बैठक में श्रमिक यूनियन की ओर से आइएनटीटीयूसी के विनय कुमार, आइएनटीयूसी के मोहम्मद असलम, सीटू के मोहम्मद अब्दुल रशीद, एटक के मुकुंद गुप्ता, टीयूसीसी के कमलेश्वर सिंह, बीएमएस के महेंद्र गुप्ता समेत श्रमिक यूनियन के प्रतिनिधि मौजूद थे.

प्रबंधन का कहना था कि मिल के गोदाम में नये उत्पाद रखने की जगह नहीं बची है और मौजूदा उत्पादों की मांग बाजार में पर्याप्त नहीं है. ऐसे में मिल को सप्ताह में तीन दिन ही चालू रख पाने या रोजाना पांच घटे काम जारी रखने की प्रबंधन ने अपनी मजबूरी बतायी. इधर, श्रमिक संगठनों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सात मार्च से नॉर्थ ब्रुक जूट मिल में तालाबंदी थी. काफी प्रयास के बाद छह अप्रैल को मिल खुली. ऐसे में मिल को सप्ताह में महज तीन दिनों तक खोलना श्रमिकों की समस्याओं को और बढ़ा देगा. कोई भी फैसला लेने से पहले श्रमिक संगठनों ने इस मसले पर श्रमिकों से बात करने की मांग की. बैठक रविवार को ही शाम चार बजे फिर होनी थी. शाम में होने वाली इस बैठक की भनक श्रमिकों को लग गयी. सुबह 11 बजे के बाद दूसरी शिफ्ट शुरू होती है. पहली और दूसरी शिफ्ट को मिलाकर मिल परिसर में बड़ी संख्या में श्रमिक मौजूद थे. मजदूर सीइओ एचके माहेश्वरी के कार्यालय का घेराव करने लगे. इसी बीच, अचानक कुछ श्रमिकों ने माहेश्वरी पर हमला बोल दिया.

मिल परिसर में पुलिस का पहरा

घटना के बाद पुलिस अधीक्षक सुनील चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (औद्योगिक) अमिताभ वर्मा, एसडीपीओ सैकत घोष समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने हालात का जायजा लिया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (औद्योगिक) अमिताभ वर्मा ने कहा कि इलाके में मिल परिसर में पुलिस तैनात कर दी गयी है. घटना के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उधर, प्रबंधन ने मिल गेट पर कार्य स्थगन का नोटिस लगा दिया है.

..और वे कहते रहे कि मैं मालिक नहीं मुलाजिम हूं

नॉर्थ ब्रुक जूट मिल के सीइओ एचके माहेश्वरी हमले के दौरान कहते रहे कि वे मालिक नहीं मुलाजिम हैं लेकिन उन पर प्रहार नहीं थमा. स्थानीय लोगों का कहना है कि हमले में वे बुरी तरह जख्मी थे और आखिरकार उनकी मौत की खबर मिली. माहेश्वरी का बेटा मयंक अमेरिका में रहता है. उसे पिता की मौत की सूचना दे दी गयी है. जानकारी के मुताबिक, माहेश्वरी नॉर्थ ब्रुक जूट मिल में 2012 से कार्यरत थे. इसके पहले वे वेलिंग्टन जूट मिल, कमरहट्टी जूट मिल, बाली जूट मिल, फोर्ट विलियम जूट मिल व फोर्ट बैलेस्टर मिल में काम कर चुके थे.

ममता ने माकपा-भाजपा पर साधा निशाना

उधर, घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि यह ‘माकपा और भाजपा के गुंडों’ का कृत्य है. मुख्यमंत्री ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, ‘मुङो मिली सूचना के मुताबिक बीएमएस और सीटू के सदस्यों ने माहेश्वरी की बेरहमी से पिटायी की. मैंने स्थानीय पुलिस से इस बारे में बात की है.’

ममता ने कहा, ‘यह काफी दुर्भाग्यूपर्ण है. मैंने सुना कि माकपा और भाजपा मजदूर संगठनों के सदस्य जूट मिल में अपनी मांगों को लेकर इकट्ठा हुए और सीइओ माहेश्वरी जब उनकी बात सुनने बाहर निकले तो उनकी बेरहमी से पिटाई हुई.’ मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी, ‘हम ऐसी घटनाएं नहीं होने देंगे. कड़ी कार्रवाई होगी और दोषियों को दंडित किया जायेगा. किसी को नहीं बख्शा जायेगा.’

विपक्ष का सीएम पर पलटवार

इस बीच, भाजपा और माकपा ने इस बात से इनकार किया कि वे माहेश्वरी की हत्या में शामिल थे. उनकी टिप्पणियों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए बंगाल भाजपा के महासचिव शामिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘ममता बनर्जी को ऐसी टिप्पणियां करने से बचना चाहिए. अन्यथा लोग उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं लेंगे. वास्तव में राज्य की मुख्यमंत्री की तरफ से ऐसे बयान दुखद हैं.’ भट्टाचार्य ने बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह कानून-व्यवस्था बनाये रखने में विफल रही हैं.

विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ सूर्यकांत मिश्र ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के सत्ता के तीन वर्ष पूरे हो गये हैं. इस दौरान राज्य में अराजक की स्थिति है. लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर खतरा बना हुआ है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि राज्य की कानून व्यवस्था ठीक हो. कुछ भी अप्रिय घटना के बाद तृणमूल सरकार अपनी कमी और खामियों को छिपाने के लिए वामपंथी दलों पर निशाना साधती है. हुगली में हुई घटना काफी निंदनीय है और उक्त घटना में किसी भी वामपंथी दल के संगठनों के कार्यकर्ताओं का हाथ नहीं है. आरोप निराधार है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें