कोलकाता: भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा कि जैसे-जैसे बंगाल की जनता का प्यार उनके (मोदी) प्रति बढ़ रहा है, दीदी नाराज होती जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि ममता आज बांग्लादेशी घुसपैठियों के संबंध में भाजपा के रुख का विरोध कर रही हैं, लेकिन वर्ष 2005 में संसद में उन्होंने ही स्पीकर पर कागज फेंका था, यह कहते हुए कि बंगाल में बांग्लादेश से घुसपैठ हो रही है और यह वाममोरचा करा रहा है. आज वह (मोदी) केवल दीदी की बातों को दोहरा रहे हैं. पूर्व गृहमंत्री इंद्रजीत गुप्ता ने भी बांग्लादेशी घुसपैठ से भारत के नुकसान की बात कही थी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी इस घुसपैठ को भारत पर आक्रमण के समान माना था. वही घुसपैठिये जब उनकी (ममता) मतपेटी को भर रहे हैं तो उनमें परिवर्तन हो गया. मोदी ने बुधवार को कोलकाता के काकुड़गाछी के अलावा कृष्णानगर और बारासात में भी भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में सभाओं को संबोधित किया.
मुख्यमंत्री पर करारा हमला करते हुए मोदी ने कहा, ‘वह (ममता) दिन में 200-500 बार मोदी को याद करती हैं. उनके भाषणों का आधा हिस्सा मोदी को ही समर्पित रहता है. डिक्शनरी देखकर गालियां दी जा रही हैं. आज बंगाल की धरती पर महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो रहे हैं. महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार की सूची में बंगाल देश में पहले तीन राज्यों में शुमार हो गया है. आज वह सारधा का नाम लेते ही गुस्सा हो जाती हैं. यह कैसा परिवर्तन है. लोग समझ रहे थे कि परिवर्तन बंगाल में होना था लेकिन परिवर्तन ममता में हुआ है.’
ममता बनर्जी के मोदी को रस्सी बांधकर जेल में डालने के बयान के संबंध में मोदी का कहना था कि दीदी को जनता पर यह बोझ डालने की जरूरत नहीं है. 100 रुपये की रस्सी के लिए उन्हें 10 हजार रुपये का टेंडर निकालना पड़ेगा. सारधा वाले उसे भरेंगे. फिर क्वालिटी उसकी रिजेक्ट होगी. फिर टेंडर निकलेगा. ऐसा न करके वह बता दें कि किस जेल में जाना है वह खुद ही चले जायेंगे. जेल जाकर सबसे पहले वह बांग्ला भाषा सीखेंगे. लेकिन सारधा के दोषियों को पकड़ने के मामले में उन्हें (ममता) गुस्सा नहीं करना चाहिए. आखिर चोरों को पकड़ने में जाता क्या है. पैसा तो आपने लिया नहीं है, फिर गुस्सा क्यों? इतना गुस्सा ठीक नहीं है. इससे तबीयत खराब हो जाती है.
कांग्रेस ने लालू को जेल से रिहा करवा कर पाप किया है
मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद को अपने साथ लेने के लिए जेल से उनकी रिहाई सुनिश्चित करा कर पाप किया है. मोदी ने कहा, ‘वे लालू को जेल से बाहर लेकर आये और अपने साथ मिला लिया. इतना बड़ा पाप. यह कांग्रेस की राजनीति है.’ विशेष सीबीआइ अदालत ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाले में लालू प्रसाद को दोषी करार दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष दिसंबर में उन्हें जमानत प्रदान कर दी थी. गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वे गंठबंधन और लठबंधन (कुश्ती) करने के लिए लोगों को जेल से बाहर ला रहे हैं. कुश्ती और गंठबंधन का खेल यहां चल रहा है. ’
‘अमेठी ने सोनिया- राहुल का घमंड चूर चूर किया’
कृष्णानगर की सभा में मोदी ने दावा किया कि अमेठी के मतदाताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के घमंड को चूर-चूर कर दिया है और राहुल को हाथ जोड़कर क्षेत्र में घूमने पर मजबूर होना पड़ा जहां वह पिछले पांच वर्षों में नहीं गये. मोदी ने कहा कि ये मां-बेटे की सरकार ऐसी है कि जो मानती है कि जनता उनकी जेब में है, जब चाहे, जहां चाहे, जैसे चाहे, उनको नचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग अमेठी में पांच वर्षो में एक बार भी नहीं आये, आज चुनाव के दिन, वे अमेठी की गलियों में हाथ जोड़कर घूम रहे हैं. गौरतलब है कि अमेठी से 1991 से 1998 को छोड़कर साल 1980 से गांधी परिवार का कोई न कोई सदस्य जीतता रहा है. भाजपा ने इस बार स्मृति ईरानी को उतारा है जबकि आप के टिकट पर कुमार विश्वास चुनाव लड़ रहे हैं.
मोदी बंगाल के लोगों को बाहर भेजनेवाले कौन होते हैं: ममता
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा कि मोदी बंगाल के लोगों को बाहर भेजने वाले कौन हैं. बनर्जी ने बेहला में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह (मोदी) बंगाल के कौन हैं. वह न तो बंगाल के निवासी हैं और न ही कुछ और. बंगाल के लोगों को देश के बाहर भेजने वाले वह कौन हैं. वह मतुआ संप्रदाय को भारतीय नागरिकता देने की बात कर रहे हैं. यहां कितने ही संप्रदाय व धर्म के लोग हैं. उन्होंने मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें बंगाल की कोई समझ नहीं है. वह गुजरात के लोगों का सम्मान करती हैं, लेकिन गुजरात के नेता का नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस, भाजपा व माकपा एक हो गयी है. इसके साथ ही ममता ने मोदी पर धर्म व संप्रदाय के नाम पर देश को बांटने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बंगाल विकास में नंबर वन है.