कोलकाता : जंगल महल इलाकों में माओवादियों की बढ़ती गतिविधियों पर नकेल लगाने के लिए राज्य सरकार पश्चिमी मेदिनीपुर के सालवा में एक आंतकवादी विरोधी स्कूल शुरू करने जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है. इसके लिए राज्य सरकार ने कुछ सप्ताह पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय आवेदन किया था.
प्रस्ताव सालवा में आतंकवादी स्कूल शुरू करने एवं राज्य के माओवादी प्रभावित जिलों में तैनात जवानों को प्रशिक्षित करने के लिए कम से कम 18 अधिकारियों को भेजने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि यह स्कूल यहां पहले से मौजूद है. वर्तमान में राज्य के इस एकमात्र आतंक विरोधी प्रशिक्षण स्कूल में केवल चार अधिकारी तैनात हैं, इसलिए अधिकतर जवानों को प्रशिक्षण के लिए ओडि़शा व पंजाब, आंध्र प्रदेश व मेघालय भेजा जाता है.
राज्य गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक बार यह स्कूल पूरी तरह चालू होने के बाद जवानों को प्रशिक्षण के लिए दूसरे राज्यों में भेजने की जरूरत नहीं रहेगी. शुरुआत में इस स्कूल में राज्य व कोलकाता पुलिस के 600 जवानों को ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें बांकुड़ा, पुरूलिया व पश्चिम मेदिनीपुर में तैनात किया जायेगा.
एक अन्य आला अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र से जलपाईगुड़ी व बांकुड़ा में ट्रेनिंग स्कूल चालू करने का आवेदन किया था. पर केंद्र ने इस प्रस्ताव को वापस कर दिया. इसलिए राज्य सरकार ने मौजूदा स्कूल को विकसित कर वहीं जवानों को प्रशिक्षण दिये जाने का फैसला किया है. जवानों को सालवनी के जंगलों में ट्रेनिंग दी जायेगी. इंस्पेक्टर जनरल रैंक के एक अधिकारी की देखरेख में यह स्कूल चलेगा. इस परियोजना पर दो करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है.