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उत्तर प्रदेश में फसल बर्बादी का सामना कर रहे पांच और किसानों की मौत
लखनउ : उत्तर प्रदेश के इटावा, सम्भल और मुजफ्फरनगर जिलों में असमय बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल की बर्बादी का सामना कर रहे पांच और किसानों ने या तो कथित रुप से आत्महत्या कर ली या फिर दिल का दौरा पडने से उनकी मौत हो गयी. इटावा जिले में जसवंत नगर के क्षेत्राधिकारी अनिल […]
लखनउ : उत्तर प्रदेश के इटावा, सम्भल और मुजफ्फरनगर जिलों में असमय बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल की बर्बादी का सामना कर रहे पांच और किसानों ने या तो कथित रुप से आत्महत्या कर ली या फिर दिल का दौरा पडने से उनकी मौत हो गयी. इटावा जिले में जसवंत नगर के क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि नगला इन्चा गांव में कल राजवीर सिंह, 57 ने आम के पेड से लटक कर जान दे दी. गांव वालों का कहना है कि गेहूं की फसल बर्बाद होने से सिंह तनाव में चल रहा था.
सम्भल के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट संजय कुमार ने बताया कि चंदौसी थानाक्षेत्र के सराय सिकंदर गांव में सतीश राज, 45 ने कल पेड से फांसी लगाकर जान दे दी. संजय के चार बीघा खेत थे, जिनमें बोई गयी फसल भारी बारिश की भेंट चढ गयी. उधर मुजफ्फरनगर में दिल का दौरा पडने से तीन और किसानों की मौत हो गयी है. असमय बारिश के कारण फसल बर्बाद होने से ये सभी किसान अवसाद में चल रहे थे. जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार मृतकों की पहचान भोकाहेरी गांव के बृजेन्दर, 58, गोधना गांव के बारु, 55 और खानपुर गांव के महेन्दर, 70 के रुप में की गयी है.
इन सभी किसानों के परिवार वालों का कहना है कि हाल की बारिश में फसल बर्बाद होने से तीनों तनाव में चल रहे थे. जिले के विभिन्न गांवों में 11 अप्रैल को भी तीन किसानों की दिल का दौरा पडने से मौत हो गयी थी.
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