बरेली (उप्र) : हलाला और तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली आला हजरत खानदान की पूर्व बहू निदा खान के खिलाफ तथाकथित फतवा जारी किये जाने के मामले में उनके पूर्व पति और शहर इमाम समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. ने आज यहां बताया कि खान की तहरीर पर उनके पूर्व पति शीरान रजा खां, शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम और मुफ्ती अफजाल रजवी के खिलाफ बरेली शहर के बारादरी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. उन पर तिरस्कार करने, धार्मिक भावनाओं का अपमान करने और धमकी देने आदि के संबंध में मामला दर्ज किया गया है.
बरेली में फतवे पर मुकदमे का संभवतः यह पहला मामला है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक खान कल तहरीर लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के दफ्तर पहुंची थी मगर उनके व्यस्त होने की वजह से उन्होंने पुलिस क्षेत्राधिकारी रामप्रकाश को तहरीर सौंपी दी थी. तहरीर में खान ने कहा है कि वर्ष 2015 में उनकी शादी आला हजरत खानदान के शीरान रजा खां से हुई थी. बाद में उनका तलाक हो गया. अब उनके बीच कई मुकदमे चल रहे हैं. शीरान उनके खिलाफ मनचाहे फतवे जारी कराते रहते हैं.
खान अपने तलाक के बाद से इस्लाम के विरुद्ध दी जाने वाली तीन तलाक, गैर शरई हलाला और बहु विवाह के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं के हक की भी लड़ाई लड़ रही हैं. आरोप है कि इसी के चलते 16 जुलाई को उनके पति शीरान रजा खां ने अपने एक मुरीद शहर इमाम मुफ्ती मुहम्मद खुर्शीद आलम के नाम से फतवा, मरकजी दारुल इफ्ता, दरगाह आला हजरत के मुफ्ती अफजाल रजवी से मांगा था, जो जारी कर दिया गया. उस तथाकथित फतवे में खान के लिए तौबा की शर्त लगाते हुए कई पाबंदियों की बात लिखी गई थी. हुक्का-पानी बंद करने, उनके जनाजे में किसी मुसलमान को ना जाने और कब्रिस्तान में दफनाने के लिए जमीन न देने का हुक्म दिया था. खान का कहना है कि फतवा जारी होने के बाद उनकी और परिवार के लोगों की जान को खतरा है.
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