अयोध्या : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि सरकार लोकतांत्रिक मर्यादाओं से बंधी हुई है और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संतों को अभी कुछ और दिन धैर्य रखना होगा.
योगी ने संत सम्मेलन में कहा,‘हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में रहते हैं. भारत की इस व्यवस्था के संचालन में न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका की अपनी भूमिका है. हमें उन मर्यादाओं को भी ध्यान में रखना होगा. उन्होंने कहा, मर्यादा पुरुषोत्तम राम इस ब्रह्मांड के स्वामी हैं. जब उनकी कृपा होगी, तो अयोध्या में मंदिर बनकर ही रहेगा. इसमें कोई संदेह नहीं है, तो फिर संतों को इसे लेकर संदेह कहां से पैदा हो जाता है. आपने इतना धैर्य रखा, मुझे लगता है कि कुछ दिन और धैर्य रखना होगा. आशावाद पर दुनिया टिकी हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा, मेरी अपील है कि भगवान राम मर्यादा के प्रतीक है और संतगण वर्तमान समाज में उनके प्रतिनिधि हैं. हमें सभी समस्याओं का समाधान उसी मर्यादा में रहकर करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि यह सच है कि अयोध्या ही नहीं भारत के बहुसंख्यक समाज की भावनाएं हैं, उनकी भावनाओं से हमारी भावनाएं भी जुड़ी हैं. मंदिर मुद्दे के समाधान का एक मार्ग निकलना ही चाहिए. योगी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए किसी का नाम लिये बगैर कहा कि इस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल करके कहा कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद हो. वहीं, कांग्रेस के ही लोग कह रहे हैं कि भाजपा मंदिर मुद्दे पर कुछ नहीं कर रही है. कहीं ऐसा तो नहीं कि जब विवाद का पटाक्षेप नजदीक है, तब ये लोग कोई दूसरी साजिश रच रहे हों.
उन्होंने कहा कि जहां तक अयोध्या की बात है, तो यह वर्षों तक उपेक्षित रही है. हमने अपने तीर्थ को भुला दिया था. अयोध्या में सफाई नहीं होती थी. बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ता था. उसे वैश्विक प्रयास दिलाने के जो प्रयास होने चाहिए थे, वे नहीं हुए. हमने इसे वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए ही यहां भव्य आयोजन किये. वहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायीं. योगी ने कहा कि अयोध्या में होनेवाले अगले दीपोत्सव कार्यक्रम में दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष को आमंत्रित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि आज से लगभग 2000 साल पहले अयोध्या की राजकुमारी का दक्षिण कोरिया के राजकुमार से विवाह हुआ था, तब से दोनों स्थानों का भावनात्मक संबंध है.
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने कुंभ को वैश्विक मान्यता दिलाने की दिशा में प्रयास नहीं किये, लेकिन केंद्र में मोदी सरकार बनने पर कुंभ को सबसे बड़ा आध्यात्मिक केंद्र बनाने के साथ उसे यूनेस्को के वैश्विक मानचित्र पर लाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व में कुंभ की परंपरा की विकृत तस्वीर पेश करने की कोशिश की जाती थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है. सभी संतों को मोदी को आशीर्वाद देना चाहिए.