लखनऊ : गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में मिली विपक्ष को मिली जीत के बाद अजीत सिंह के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकदल ने कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिये संयुक्त विपक्ष का दामन थाम लिया है. बसपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेगी. इन दोनो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल अपना उम्मीदवा उतारेंगे. समाजवादी पार्टी और रालोद के नेताओं ने कल राजधानी में तीन घंटे की बैठक के बाद यह फैसला किया कि आने वाले उपचुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिये संयुक्त रूप से उम्मीदवार उतारे जायें.
रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने मीडिया को बताया कि रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच बैठक के बाद आपसी सहमति बनी कि आने वाले उपचुनाव में दोनों पार्टियां संयुक्त रूप से मैदान में उतरें. उन्होंने बताया कि दोनों दलों के बीच बैठक में यह बात भी हुई कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरना चाहिये. समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के समर्थन से पिछले दिनो हुये उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीट गोरखपुर और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की सीट फूलपुर पर विजय हासिल कर सत्तारूढ. भाजपा के खेमे में हलचल मचा दी थी
रालोद के एक नेता ने बताया कि अभी इस बात पर आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है कि कौन पार्टी किस सीट पर लड़ेगी लेकिन यह तय है कि दोनों दल एक एक सीट से उम्मीदवार उतारेंगे. उन्होंने बताया कि इस बारे में एक दो दिन में आधिकारिक घोषणा कर दी जायेगी. बसपा पहले ही साफ कर चुकी है कि पार्टी उप चुनाव नहीं लड़ेगी. कैराना लोकसभा सीट भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन से जबकि नूरपुर विधानसभा सीट लोकेंद्र सिंह के निधन के कारण रिक्त हुई है. इन दोनो सीटो पर 28 मई को उप चुनाव होना है और नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो गयी है.
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