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अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर चर्चा के लिए धर्म सभा में हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने का दावा

अयोध्या (उप्र) : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर चर्चा करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की ‘धर्म सभा’ में शामिल होने के लिए रविवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के यहां जुटने का दावा किया गया. एक वरिष्ठ धार्मिक नेता ने कहा कि इसके लिए तिथि की घोषणा अगले साल की […]

अयोध्या (उप्र) : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर चर्चा करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की ‘धर्म सभा’ में शामिल होने के लिए रविवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के यहां जुटने का दावा किया गया.

एक वरिष्ठ धार्मिक नेता ने कहा कि इसके लिए तिथि की घोषणा अगले साल की शुरुआत में की जायेगी. मंत्रोच्चार के बीच भक्तमाल की बगिया में धर्म सभा को संबोधित करते हुए निर्मोही अखाड़ा के रामजी दास ने कहा, राम मंदिर के निर्माण के लिए तिथि की घोषणा प्रयागराज में आयोजित होने वाले 2019 कुंभ में की जायेगी.

उन्होंने, यह महज कुछ दिन की बात है इसलिए अनुरोध है कि आप कुछ धैर्य रखें. धर्म सभा स्थल एक उत्सव जैसे रौनक थी और राम भक्त तख्तियों और भगवा झंडों के साथ देखे जा सकते थे. विभिन्न स्थानों पर भगवान राम के भजन बज रहे थे. पिछले तीन वर्षों से अभियान से जुड़े अयोध्या जिला पंचायत के सदस्य बबलू खान ने शहर की समग्र संस्कृति पर जोर दिया.

खान ने कहा, मैं पिछले तीन वर्षों से राम मंदिर आंदोलन के साथ जुड़ा हुआ हूं और मेरा मानना है कि अयोध्या के मुसलमान चाहते है कि राम मंदिर बनना चाहिए. मैं मुसलमान हूं और मैं राम श्रद्धालुओं का स्वागत कर रहा हूं. विश्व हिंदू परिषद ने दावा किया कि तीन लाख से अधिक लोग इस सभा में शामिल हुए और मंदिर के निर्माण पर चर्चा के लिए सभी क्षेत्रों के लोग यहां पहुंचे.

विहिप के वरिष्ठ नेता चम्पत राय ने कहा कि उन्हें मंदिर के लिये जमीन के बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है और उन्हें पूरी की पूरी भूमि चाहिये. राय ने कहा, हमें बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है. हमें (जमीन का) टुकड़ा नहीं चाहिये। राम मंदिर के लिये पूरी की पूरी भूमि चाहिये. राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्शाती है कि लोग राम मंदिर से कितनी गहरायी से जुड़े हैं.

उन्होंने कहा, हम अदालतों का सम्मान करते हैं. हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बहुत उम्मीदें हैं. मैं योगी आदित्यनाथ से आग्रह करता हूं कि वह राम मंदिर निर्माण का रास्ता तैयार करें. लगभग पांच घंटे तक चली इस धार्मिक सभा में विभिन्न आश्रमों और अखाड़ों के लगभग 50 संतों ने भाग लिया.

अयोध्या के निर्मोही अखाड़ा के महंत रामदास ने बताया कि सभा में हरिद्वार,छत्तीसगढ़, ऋषिकेश, उज्जैन, गुजरात, चित्रकूट,प्रयागराज और लखनऊ के संतों ने हिस्सा लिया. भीड़ में उत्साही युवा ‘हर घर भगवा छायेगा, राम राज्य फिर आएगा’ और ‘तेल लगाओ डाबर का, नाम मिटाओ बाबर का’ नारे लगा रहे थे. वरिष्ठ धार्मिक नेता राम भट्टाचार्य ने दावा किया कि उन्होंने मंदिर के निर्माण के संबंध में शुक्रवार को एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात की थी.

उन्होंने कहा, 23 नवम्बर को मैं एक वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्री से मिला था जिन्होंने आश्वासन दिया कि 11 दिसम्बर को आदर्श चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री के उनके साथ बैठने की संभावना है और ऐसा फैसला होगा जो राम मंदिर निर्माण का रास्ता खोलेगा. उन्होंने कहा, एक बार राम मंदिर बनने के बाद यह एक घोषित हिंदू राष्ट्र बन जाएगा.

इस मौके पर भोजन और दवाओं समेत तमाम प्रबंध किये गये थे. भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ठ ने एक शिविर बनाया था और जरूरतमंद लोगों को इलाज उपलब्ध कराया जा रहा था. ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत (एआईएमएमएम) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर अयोध्या के घटनाक्रम में उनसे तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की.

इस बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह यहां राम मंदिर के निर्माण के लिए शिवसेना की तरफ से बनाये जा रहे दबाव को उचित नहीं मानते है. उन्होंने कहा कि मंदिर आंदोलन में पार्टी (शिवसेना) की कोई भूमिका नहीं थी.

रैली के मद्देनजर यहां पहुंचे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को मोदी सरकार को कुंभकर्ण जैसी नींद से जागने और मंदिर के निर्माण के लिए तारीख की घोषणा करने के लिए कहा.

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