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मदरसों की जांच को लेकर चेयरमैन डॉ इफ्तिखार अहमद जावेद ने जारी किया बड़ा बयान, शिक्षकों से की ये अपील

मदरसों की जांच पर मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि, मदरसों की जांच से से आधुनिक शिक्षक घबराएं नहीं. मदरसा जांच आधुनिक शिक्षकों के भले के लिए है. बहुत सारे मदरसे आधुनिक शिक्षकों के वेतन के चक्कर में मदरसा नियमावली का उल्लंघन कर रहे हैं.

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में फर्जी मदरसों की शिकायत मिलने के बाद सरकार ने सभी 7442 मदरसों की जांच कराने का फैसला लिया है. मदरसों की जांच के लिए कमेटियां बनाई गई हैं, जिन्हें 15 मई तक जांच पूरी कर रिपोर्ट भेजनी है. इस जांच को लेकर मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ इफ्तिखार अहमद जावेद ने बयान जारी कर कहा है कि, मदरसों की जांच से घबराएं नहीं आधुनिक शिक्षकों को घबराना नहीं है. यह जांच शिक्षकों के भले के लिए हैं.

मदरसों में नियमावली का हो रहा उल्लंघन- जावेद

डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि, बहुत सारे मदरसे आधुनिक शिक्षकों के वेतन के चक्कर में मदरसा नियमावली का उल्लंघन कर रहे हैं. मदरसों का संचालन सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम अल्पसंख्यक संस्था ही कर सकती है, जबकि हकीकत कुछ और है. मदरसे कागज पर कुछ और हकीकत में कुछ और नजर आ रहे हैं.

मदरसों के कामगाज में पारदर्शिता लाना उद्देश्य

उन्होंने कहा कि, मेरा मकसद उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के कामकाज और कार्यों में पारदर्शिता लाना है. प्रदेश के मदरसों के प्रबन्धकों और शिक्षकों के साथ-साथ अन्य सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग भी अपने-अपने जिलों में हो रही जांच में पूर्ण सहयोग करें. मेरा मक़सद मदरसों में पढ़ने वाले 20 लाख बच्चों के भविष्य से किसी भी प्रकार के खिलवाड़ को रोकना है.

फर्जी मदरसों की शिकायत के बाद जांच के आदेश

दरअसल, अमरोहा, कुशीनगर और गोंडा जिलों में फर्जी मदरसों की शिकायत मिलने के बाद सरकार ने सभी 7442 मदरसों की जांच कराने का फैसला लिया है. मदरसों की जांच के लिए नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग-अलग तीन-तीन अफसरों की कमेटी बनाई गई हैं.

मदरसों की भौतिक अवस्थापना सुविधाएं देखी जाएंगी

मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार एसएन पांडेय के मुताबिक, कमेटी की जांच में यह देखा जाएगा कि इन मदरसों की भौतिक अवस्थापना सुविधाएं कैसी हैं? इस दौरान भूमि, भवन, किरायानामा आदि की जांच की जाएगी. साथ ही मदरसों के कमरों की वास्तविक स्थिति की भी परीक्षण होगा. मान्यता के अभिलेखों का भी परीक्षण होगा.

प्रदेश में कुल मदरसों की संख्या 7442 है

बता दें कि, मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत मुस्लिम बच्चों को शिक्षा के लिए अनुदान दिया जाता है. मदसरों में पढ़ाने वाले स्नातक शिक्षकों को छह हजार और परास्नातक शिक्षकों को 12 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है. इसके अलावा प्रदेश सरकार भी स्नातक शिक्षकों को दो हजार और परास्नातक शिक्षकों को तीन हजार रुपये अतिरिक्त मानदेय देती है. इस योजना का लाभ प्रदेश के 7442 मदरसों के मिल रहा है.

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