।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊ:सैफई महोत्सव के आयोजन पर हुए खर्च को लेकर मीडिया में बढ़ा चढ़ा कर लिखी और दिखाई खबरों से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खफा हो गए. उन्होंने सैफई महोत्सव पर 300 करोड़ रुपए खर्च होने संबंधी एक हिन्दी अखबार में छपी खबर को झूठा बताया और इस अखबार के मालिकों को जमकर कोसा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैफई महोत्सव में हुए खर्च को लेकर अनाप शनाप खबर रिपोर्ट छापने वाला यह समाचार पत्र या तो सार्वजनिक रुप से माफी मांगें अन्यथा तीन सौ करोड़ रुपये का हिसाब दें, कि कहां – कहां और किस मद में उक्त राशि खर्च की गई है. इसके अलावा झूठी खबर देने वाले रिपार्टर के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए.
अपने सरकारी आवास पर आनन-फानन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कहा कि कुछ समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों पर सैफई महोत्सव को लेकर लगातार तथ्यों के विपरीत नकारात्मक रिर्पोटिंग की जा रही है, जो कि गलत है. जब सूबे में सपा की सरकार नहीं थी तब भी सैफई महोत्सव में मुंबई से कलाकार आकर और अपनी कला का प्रदर्शन करते थे. इस महोत्सव में दंगल, साइकिल रेसिंग, बच्चों का कंप्टीशन कराया जाता है, जिससे प्रतिभाओं को उभरने का मौका मिलता है. यह आयोजन मेला समिति व आस पास के नागरिक करते हैं.
इस बार भी शासन ने एक करोड़ रुपये महोत्सव के आयोजन हेतु दिए थे, जिस पर विधानसभा में चर्चा भी हुई थी. मुख्यमंत्री ने बताया कि सैफई महोत्सव में हर वर्ष करीब पांच-छह करोड़ रुपये ही खर्च होते है, इस वर्ष भी अधिकतम दस करोड़ रुपये ही खर्च हुआ होगा, इससे अधिक नहीं. इस बार जो धनराशि महोत्सव में खर्च हुई उसका ब्यौरा भी जल्द मीडिया को मुहैया कराने का दावा भी मुख्यमंत्री ने किया.
फिर उन्होंने सैफई महोत्सव पर 300 करोड़ रुपये खर्च होने संबंधी खबर छापने वाले समाचार समूह के खिलाफ बोलना शुरू किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सैफई महोत्सव को लेकर छापी गई यह खबर पूरी तरह से झूठी है. यह खबर भी उस समाचार पत्र में छापी गई जिसके एक मालिक को सपा ने राज्यसभा सदस्य बनाया था.
मुख्यमंत्री के अनुसार दूसरी बार भी उक्त समाचार समूह के मालिक राज्यसभा जाना चाहते थे, पर उनकी इस मंशा को हम पूरा नहीं कर सके शायद इसी नाराजगी में ऐसी गलत खबर छापी गई. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उक्त अखबार समूह के एक मालिक कुछ दिन पूर्व जुआ खेलते हुए पकड़े गए थे, लेकिन यह खबर किसी भी न्यूज चैनल में नहीं दिखाई गई जबकि सभी न्यूज चैनलों के पास बाइट थी. बसपा सरकार में कानपुर पुलिस द्वारा इस समाचार पत्र के एक मालिक के साथ मारपीट का जिक्र भी मुख्यमंत्री ने किया और कहा कि उक्त समाचार पत्र गलत खबर छापने के लिए माफी मांगे.
मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ितो को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी ने मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ितों का दिल खोलकर सहायता की है और वह समाज में वैमनस्यता फैलाने वालों की कड़ी निन्दा करते हैं. प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर के दंगा पीडि़तों के लिए उम्मीद से बढ़कर कार्य किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने दंगा पीड़ितों को लोहिया आवास देने की बात कही थी, लेकिन कोई अब तक आवास लेने के लिए कोई आगे नहीं आया है. सूबे के आठ मंत्रियों के विदेश यात्रा पर जाने को लेकर उठ रहे सवालों पर मुख्यमंत्री ने उल्टे सवाल किया और कहा कि किस सरकार में मंत्री अध्ययन के लिए विदेश नहीं गये हैं इस बार यदि मंत्री समूह यात्रा पर गया है तो कौन सी नई बात है.