।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊ:सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने 1978 बैच के आईपीएस रिजवान अहमद को यूपी का डीजीपी बनवा दिया. सपा प्रमुख के हुकुम पर ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डीजीपी देवराज नागर के मंगलवार को सेवानिवृत्त होते ही रिजवान अहमद को डीजीपी की कुर्सी पर तैनात करने का आदेश जारी कर दिया. रिजवान अहमद अभी डीजी रेलवे के पद पर तैनात थे और उन्हें दो माह बाद सेवानिवृत्त होना है.
प्रदेश पुलिस में रिजवान अहमद का मात्र दो माह कार्यकाल शेष बचने की वजह मुख्यमंत्री डीजीपी के पद पर सर्तकता अधिष्ठान के निदेशक आनंद लाल बनर्जी, रंजन द्विवेदी और एके गुप्ता में किसी को डीजीपी बनाना चाह रहे थे. इन अधिकारियों के बारे में मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव गृह तथा डीजीपी की कुर्सी संभाल चुके दो सवानिवृत्त आईपीएस अफसरों से फीडबैक भी लिया था. सूत्रों के अनुसार सेवानिवृत्त हो चुके पुलिस अफसरों ने मुख्यमंत्री को रंजन द्विवेदी और आनंद लाल बनर्जी को डीजीपी की कुर्सी के योग्य अधिकारी बताया. मुख्यमंत्री ने रिजवान अहमद के बारे में इन अफसरों ने पूछा तो उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव के पद पर जावेद उस्मानी के तैनात हैं ऐसे में डीजीपी की कुर्सी पर रिजवान अहमद को बिठाना उचित नहीं होगा क्योंकि सूबे में प्रशासनिक व्यवस्था के तहत मुख्य सचिव और डीजीपी की कुर्सी पर एक जाति के लोगों की तैनाती करने से बच जाता रहा है.
सूत्रों के अनुसार अफसरों से मिले ऐसे फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री ने आनंद लाल बनर्जी और रंजन द्विवेदी में से किसे डीजीपी बनाया जाए, इसे लेकर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की राय ली तो सपा प्रमुख ने रिजवान अहमद को डीजीपी बनाने का निर्देश मुख्यमंत्री को दे दिया. कहा जाता है कि रिजवान अहमद को सपा प्रमुख काफी पहले से जानते हैं. जिसके चलते ही मुलायम सिंह ने यह जानते हुए कि रिजवान अहमद को दो माह बाद सेवानिवृत्त होना है फिर भी उन्हे डीजीपी बनाने का हुकुम मुख्यमंत्री को दिया. अब कहा जा रहा है कि रिजवान अहमद को डीजीपी की कुर्सी पर तैनात कराने का आदेश जारी कराकर सपा प्रमुख ने मुस्लिम समाज के हितैषी होने का संदेश दिया है. और दो माह बाद रिजवान अहमद के कार्यकाल को बढ़ाने का आग्रह भी सपा प्रमुख के निर्देश पर मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से करेंगे, ताकि रिजवान अहमद की देखरेख में ही प्रदेश पुसिल सूबे में लोकसभा के चुनाव कराए.