!!राजेन्द्र कुमार!!
लखनऊ:सूबे की सरकार ने मुजफ्फरनगर के दंगे से सबक लेते हुए इलाहाबाद में आरक्षण समर्थकों को महापंचायत नहीं करने दी. आरक्षण समर्थकों की बहुप्रतीक्षित महापंचायत को रोकने के लिए सरकार ने इलाहाबाद को पुलिस छावनी में तो तब्दील किया ही, इस पंचायत में शामिल होने के लिए आ रहे जेडीयू के शरद यादव को भी गाजियाबाद में गिरफ्तार कर वापस दिल्ली भेज दिया. सरकार द्वारा की गई ऐसी प्रशासनिक सख्ती के चलते इलाहाबाद के केपी मैदान में मंगलवार को आरक्षण समर्थक महापंचायत नहीं कर सके.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था का लाभ देने की वकालत करते हुए सामाजिक न्याय मोर्चा ने महापंचायत करने का निर्णय लिया था. परन्तु इलाहाबाद प्रशासन ने इसकी अनुमति देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि महापंचायत के आयोजन का असर शहर के अमन चैन पर पड़ सकता है. स्थानीय प्रशासन के इस रूख के बाद भी सामाजिक न्याय मोर्चा के पदाधिकारी महापंचायत का आयोजन करने पर अड़े रहे और जदयू अध्यक्ष शरद यादव सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं को महापंचायत में शामिल होने का निमंत्रण भेजा.जिसकी जानकारी मिलने पर पुलिस अफसरों ने सोमवार की रात महापंचायत में शामिल होने आ रहे जदयू अध्यक्ष शरद यादव को गाजियाबाद और अपना दल विधायक अनुप्रिया पटेल को रायबरेली में गिरफ्तार कर लिया. मंगलवार को महापंचायत में शामिल होने के लिए पहंचे इंडियन जस्टिस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदित राज को भी पुलिस ने इलाहाबाद के बम्हरौली एयरपोर्ट से हिरासत में ले लिया.
इन बड़े नेताओं हिरासत में लिए जाने के बाद भी आरक्षण समर्थक युवकों का हौसला पस्त नहीं हुआ. प्रशासनिक सख्ती के बावजूद सैकड़ों आरक्षण समर्थक प्रदेश के कई हिस्सों से इलाहाबाद पहुंचे गए. इन युवकों ने महापंचायत करने का प्रयास किया. जिसे भारी संख्या में मौजूद पुलिस अफसरों ने असफल कर दिया. यही नहीं पुलिस ने रेलवे स्टेशन और बस अड्डे से तमाम आरक्षण समर्थक युवकों को गिरफ्तार किया और उन्हें बालसन चौराहे लाकर पुलिस लाइन मैदान में भेज दिया. पुलिस अफसरों का दावा है कि उन्होंने आरक्षण समर्थक की महापंचायत नहीं होने दी. वही सामाजिन न्याय मोर्चा के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा.