वाराणसी : गोरखपुर स्थित मशहूर प्रकाशन संस्थान गीता प्रेस ने आज इन खबरों को केवल अफवाह बताया कि वह बंद होने के कगार पर है. साथ ही गीता प्रेस ने लोगों को इसके नाम पर किसी व्यक्ति या संस्था को दान देने के खिलाफ आगाह भी किया.
गीता प्रेस ट्रस्ट बोर्ड के प्रमुख राधे श्याम खेमका ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘गीता प्रेस के कर्मचारियों द्वारा उच्च वेतन और अन्य सुविधाएं दिये जाने की मांग को लेकर हडताल किये जाने के बाद, इसके बंद होने संबंधी अफवाह फैलाई जा रही है.’
खेमका ने कहा ‘हम लोग यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि गीता प्रेस ट्रस्ट कभी भी जनता से किसी तरह का चंदा नहीं लेता है. यहां तक की, अपनी पवित्र पुस्तकों या पत्रिकाओं में किसी बाहरी का विज्ञापन भी यह संस्थान प्रकाशित नहीं करता.’ प्रकाशक खेमका हिन्दी पत्रिका ‘कल्याण’ के संपादक भी हैं. गीता प्रेस की स्थापना 1923 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुई थी.