सहारनपुर: सहारनपुर प्रभावित इलाकों में सुधरते हालातों को देखते हुए प्रशासन ने आज कर्फ्यू में ढील दे दी है. गौरतलब है कि जमीन विवाद को लेकर दो समुदायों के बीच हुयी हिंसा के बाद भड़के दंगों के चलते प्रशासन ने यहां कर्फ्यू लगा दिया था.
*इस मामले पर क्या है स्थानीय अखबारों का कहना
*दैनिक जागरण
सहारनपुर मामले में दैनिक जागरण का कहना है कि शुरूआती जांच में सहारनपुर दंगों में कश्मीर से कनेक्शन की बात सामने आ रही है. आगजनी में जो केमिीकल इस्तेमाल हुये हैं उन केमिकलों का प्रय़ोग आमतौर पर कश्मीर घाटी मे होता रहा है.
पुलिस ने बुधवार को दंगे के मुख्य आरोपी मोहर्रम अली उर्फ पप्पू सभासद को कई साथियों के साथ गिरफ्तार किया तो इसका सनसनीखेज खुलासा हुआ. कि यह दंगा पूरी तरह से सुनियोजित था.
आगे अखबार का कहना है कि आगजनी करने वालों में जम्मू-कश्मीर और दिल्ली से आए लोगों के शामिल होने की भी आशंका है. पुलिस इसके पीछे किसी आतंकी साजिश की बात स्वीकार नहीं की है और फिलहाल इन्हें मोहर्रम अली का गुर्गा बता रही है.
पुलिस का कहना है कि मोहर्रम अली के इशारे पर ही अंबाला रोड पर जमकर आगजनी,लूटपाट व फायरिंग हुई थी. पुलिस 75 मुकदमों में अब तक 89 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
*अमर उजाला
अमर उजाला ने लिखा है कि पुलिस ने दंगे भड़काने वाले मुख्य आरोपी पूर्व सभासद मोहर्रम अली उर्फ पप्पू समेत कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. उधर, प्रदेश के राज्यमंत्री राजेंद्र राणा और भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ितों से मुलाकात की है.
अखबार का कहना है कि हालांकि मुख्य आरोपी पप्पू ढील का फायदा उठाने की फिराक में था लेकिन पकड़ लिया गया.हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गया था. उसकी गिरफ्तारी होते ही कांग्रेस ने उससे से पल्ला झाड़ लिया है.
सहारनपुर के एसएसपी राजेश कुमार पांडे का कहना है कि सहारनपुर को दंगे फैलाने वाले तीन मास्टर माइंड में से दो पूर्व सभासद मोहर्रम अली उर्फ पप्पू व इरशाद को कुतुबशेर थाना पुलिस ने मंडी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है. इरशाद पप्पू का भतीजा है और उनके साथ दानिश, शाहिद, इरफान भी पकड़े गए हैं.
*क्या था मामला
दो समुदायों के बीच किसी जमीन को लेकर विवाद था जिसने बाद में तूल पकड लिया और दोनों पक्षों में संघर्ष भडक गया. इस संघर्ष में अनेक दुकानें जला दी गयीं.कुतुबशेर इलाके में स्थित विवादित जमीन पर एक पक्ष ने तडके निर्माण कार्य शुरु करा दिया. इसकी खबर मिलने पर दूसरे पक्ष के लोग भी मौके पर पहुंच गये और शुरु हुई कहासुनी देखते ही देखते भारी पथराव, आगजनी और गोलीबारी में तब्दील हो गयी.
इस वारदात में हरीश कोचर नामक व्यापारी नेता ,आरिफ नाम व्यक्ति तथा एक अज्ञात व्यक्ति की मृत्यु हो गयी. आगजनी में 20 से ज्यादा दुकानें खाक हो गयीं.
दो समुदायों के इस मामूली विवाद के बाद भड़के दंगों में शहर भर के हालात असमान्य हो गये थे. दंगों के चलते वहां कर्फ्यू लगा लिया गया था. और लोग ईद का त्यौहार भी ठीक से नहीं मना पाये.