लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दावा किया है कि भाजपा किसी भी कीमत पर जादुई आकंड़ा छू नहीं पायेगी, कांग्रेस सबसे कमजोर दल के रूप में उभरेगी और तीसरे मोर्चा स्थायी सरकार बनवाने की भूमिका में होगा.
मुख्यमंत्री अखिलेश ने विशेष बातचीत में तीसरे मोर्चे की सरकार बनने की संभावनाओं के बारे में कहा कि इस लोकसभा चुनाव में जिस तरह की बयार बह रही है उसमें भाजपा को इतनी सीटें नहीं मिलेगी कि वह सरकार बना सके और कांग्रेस अब तक की सबसे बुरी स्थिति में होगी. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा सीटें तीसरे मोर्चे से जुड़े धर्मनिरपेक्ष दलों को मिलेगी और केंद्र में नयी सरकार इसी मोर्चे की बनेगी.
उन्होंने कहा, भाजपा ने प्रचार पर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर हवाई महल खड़ा किया है, चुनाव परिणाम जब सामने आयेंगे तो पार्टी ताश के पत्तों की तरह बिखर जायेगी. उसका केंद्र में सरकार बनाना तो बहुत दूर की बात है. यह पूछे जाने पर कि चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, एचडी देवगौड़ा और चंद्रशेखर की मोर्चे में बनने वाली सरकारें ज्यादा समय तक नहीं चल पायीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में लोकतंत्र अब काफी परिपक्व हो गया है, अब लोगों के अहम के चलते गंठबंधन ना तो टूटेगा और ना ही उसमें दरार पड़ेगी.
उन्होंने कहा कि अगर गंठबंधन की कई सरकारें अस्थायी रहीं तो संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन वन और टू तथा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकारों ने अपने-अपने कार्यकाल पूरे भी किये हैं. इस बार तीसरे मोर्चे की सरकार भी स्थायी होगी.
राष्ट्रीय क्षितिज पर तो भाजपा और कांगे्रस दो ही बडी पार्टियां है क्या इनमें से किसी एक के सहयोग के बिना मोर्चे की सरकार बन सकती है ? इस सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि समाजवादी चिंतक डाक्टर राम मनोहर लोहिया कहा करते थे कि जब भी कांग्रेस सबसे ज्यादा कमजोर होगी तब वह समाजवादियों के साथ होगी और इस लोकसभा चुनाव में हालात भी ऐसे ही हैं, जिसके चलते तीसरें मोर्चे की धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन में कांग्रेस भी जुड़ जायेगी.
इस सवाल पर कि तीसरे मोर्चे की बात तो चुनाव से पहले से की जा रही है लेकिन धरातल पर तो कुछ भी नहीं है, मुख्यमंत्री ने कहा मंै बीजू पटनायक, नीतीश कुमार सहित ऐसे कई नेताओं को मोर्चे के रूप में ही मानता हूं जिसका विस्तृत आकार 16 मई के बाद सबके सामने आ जायेगा. तीसरे मोर्चे का नेतृत्व कौन करेगा, इस बारे में उन्होंने कहा कि यह अभी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि ह्यह्यकौन कितनी सीटें जीतेगा, नेतृत्व की बात इस पर निर्भर करेगी.
सपा नेता ने कहा कि पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव और धर्मनिरपेक्ष सोच रखने वाले तमाम नेता मिलकर बैठकर मोर्चे की स्थायी सरकार का स्वरुप तय करेंगे और रास्ता भी निकाल लेंगे.
यह पूछने पर कि देश की सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में भाजपा के बढते प्रभाव को रोकने की क्या रणनीति है, यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के पास मजबूत संगठन, भरोसेमंद कार्यकर्ता और हमारी सरकार की जमीनी उपलब्धियां भाजपा को रोकने में पूरी तरह सक्षम हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में केवल सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने ही साम्प्रदायिकता से मुकाबला करते हुए गंगा जमुनी-तहजीब को बनाये रखा और जरुरत पड़ने पर सख्त से सख्त निर्णय भी लिये. इस बार की चुनावी लडाई बूथ पर होगी जहां भाजपा को हम चित कर देंगे. नरेंद्र मोदी की कथित टिप्पणी सांड को नहीं संभाल पाते तो शेर को क्या रोकेंगे के बारे में अखिलेश ने कहा उत्तर प्रदेश में अविवाहित को सांड कहते हैं. हम तो शादीशुदा हैं, मोदी बताये कि वे क्या हैं. हमने तो शेरों को पिंजरों में डाल दिया तो सांड क्या चीज है.