जगन्नाथपुर शिव मंदिर. टोला के 300 परिवार पानी के लिए परेशान
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डीप बोरिंग फेल, चापाकल भी डेड, परेशानी
जगन्नाथपुर शिव मंदिर. टोला के 300 परिवार पानी के लिए परेशान आंगनबाड़ी के लिए दूसरे स्थानों से लाना पड़ता है पानी पानी की किलत से तरस रहे है शिव मंदिर टोला के ग्रामीण जगन्नाथपुर : सांसद फंड से जगन्नाथपुर शिव मंदिर टोला में डीप बोरिंग तो किया गया, लेकिन खराब मोटर के कारण पेयजलापूर्ति ठप […]
आंगनबाड़ी के लिए दूसरे स्थानों से लाना पड़ता है पानी
पानी की किलत से तरस रहे है शिव मंदिर टोला के ग्रामीण
जगन्नाथपुर : सांसद फंड से जगन्नाथपुर शिव मंदिर टोला में डीप बोरिंग तो किया गया, लेकिन खराब मोटर के कारण पेयजलापूर्ति ठप है. इससे करीब 300 परिवार पेयजल की किल्लत से जूझ रहे हैं. इसे लेकर कई बार सांसद, विधायक व प्रशासन से शिकायत की गयी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इससे टोले के लोगों रोष है. टोले में मात्र 5 चापाकल है, जिसमें से सिर्फ एक से पानी निकलता है. इसके कारण अधिकतर लोग दूसरे स्थानों से पानी लाना पड़ता है. यहां सितंबर 2015 में सांसद फंड से यहां 400 फीट से डीप बोरिंग की गयी थी, जिसका उदघाटन खुद सांसद लक्ष्मण गिलुवा ने किया था.
लेकिन अब करीब दो माह से शिव मंदिर टोले के लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. विभाग कर रहा खानापूर्ति : चापाकल मरम्मत के नाम पर पीएचइडी केवल खानापूर्ति कर रहा है. मरम्मत के नाम पर सिर्फ चापाकलों में वासर लगा दिया जा रहा है. इसके बाद चापाकल मरम्मत की तसवीर अपलोड कर उच्च अधिकारियों को भेज दिया जाता है. इसकी जांच हो तो सच्चाई खुद ब खुद सामने आ जायेगी. विभाग की लापरवाही के कारण कभी-कभी तो टोले के लोगों को आपस में चंद कर चापाकलों को बनवाना पड़ता है. यह है चापाकल की स्थिति : शिव मंदिर स्थित दो चापाकल, जिसमें एक सही है तो दूूसरा खराब, चंचल यादव के घर के सामने दो चापाकल, जिसमें एक चालू तो दूसरा का हैंडल नहीं, दुर्गा ठाकुर घर के सामने एक चापाकल जो सही से पानी नहीं निकलता है, जेराई घर स्थित एक चापाकल जो पानी सही से निकल रही है.
क्या कहते है ग्रामीण
पानी की समस्या को लेकर कई बार विधायक व सांसद को लिखित ज्ञापन दिया गया. सांसद फंड से डीप बोरिंग हुई, लेकिन अब स्थिति जस की तस है.
निराकर बोस, ग्रामीण
इस टोले में पानी सबसे बड़ी समस्या है. यह तक की आंगनबाड़ी में विभाग से चापाकल गाड़ने के लिए डीप बोरिंग कराया गया. लेकिन पानी का स्रोत नहीं मिलने के कारण मामला ठप है. बच्चों के लिए खाना बनाने के लिए दूसरे टोले से पानी लाया जाता है.
दीप्ति साहु, आंगनबाड़ी सेविका
पेयजल विभाग चापाकल मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है. पिछले दिनों चापाकल बनाने के नाम पर 2000 रुपये की मांग मिस्त्री कर रहे थे. उच्च अधिकारी से शिकायत करने की बात कहने पर चापाकल की मरम्मत हुई.
वृषमति देवगम, पंचायत समिति, बड़ानदा
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