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प्रसूता को दे दी एक्सपायर्ड दवा

चक्रधरपुर संत अंजला अस्पताल में मरीज की जान से खिलवाड़, परिजनों ने किया हंगामा चक्रधरपुर : चांदमारी स्थित संत अंजला अस्पताल में प्रसूता को एक्सपायर्ड दवा देने पर उसके परिजनों ने बुधवार को जमकर हंगामा किया. 13 अप्रैल को दी गयी ‘सिफाडेक्स 500 एमजी’ मार्च में ही एक्सपायर्ड हो गयी थी. परिजनों को इसका पता […]

चक्रधरपुर संत अंजला अस्पताल में मरीज की जान से खिलवाड़, परिजनों ने किया हंगामा

चक्रधरपुर : चांदमारी स्थित संत अंजला अस्पताल में प्रसूता को एक्सपायर्ड दवा देने पर उसके परिजनों ने बुधवार को जमकर हंगामा किया. 13 अप्रैल को दी गयी ‘सिफाडेक्स 500 एमजी’ मार्च में ही एक्सपायर्ड हो गयी थी. परिजनों को इसका पता तब चला जब मरीज 15 गोलियां खा चुकी थी. हालांकि जच्चा व बच्चा को कोई नुकसान नहीं हुआ.
जानकारी के अनुसार, मनोहरपुर निवासी अभिषेक वाजपेयी की पत्नी संजू वाजपेयी ने 14 मार्च को संत अंजला अस्पताल में सिजेरियन से एक शिशु को जन्म दिया. प्रसूति के दस दिन बाद 24 मार्च को जज्चा -बच्चा को डिस्चार्ज कर दिया गया. सिजेरियन का घाव सूखा नहीं था, इसलिए संजू का इलाज उसी अस्पताल से जारी रहा. 13 अप्रैल को वह जांच के लिए अस्पताल पहुंची. वहां उसकी ड्रेसिंग, बीपी व वेट की जांच आदि के बाद दवा ‘सिफाडेक्स 500 एमजी’ दी गयी.
18 अप्रैल को दवा खत्म होने संजू के परिजन अस्पताल गये पर वहां ‘सिफाडेक्स 500 एमजी’ खत्म होने का हवाला देते हुए उसे बाहर से खरीदने को कहा गया. इसके बाद संजू ने अपने जीजा ओमप्रकाश पांडेय को दवा का खाली रैपर देकर बाजार से दवा लाने को कहा. श्री पांडेय जब वह रैपर लेकर एक दवा दुकान में गये तो वहां पता चला कि खाली रैपर में मैन्युफैक्चरिंग डेट अगस्त 2015 एवं एक्सपायरी डेट मार्च 2017 अंकित है, जबकि संजू को वह दवा 13 अप्रैल को अस्पताल से दी गयी. इसके बाद श्री पांडेय परिजनों के साथ संत अंजला अस्पताल पहुंचे और वहां हंगामा किया.
जांच में मिली कई अनियमितताएं
श्री पांडेय ने ही मामले की जानकारी एसडीओ दिब्यांशु झा को दी. इसके बाद अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आरएन सोरेन अंजला अस्पताल पहुंचे और करीब दो घंटे तक जांच कर इसकी पुष्टि की कि दवा वहीं से दी गयी थी. जांच के दौरान उन्होंने पाया कि 10 जून 2016 को अस्पताल में मंगायी गयी उक्त दवा का नाम स्टॉक पंजी में तो शामिल लेकिन वितरण पंजी में उसका जिक्र नहीं किया गया है. जांच के दौरान अस्पताल में एक भी सही पंजी नहीं मिली. रिपोर्ट एसडीओ को सौंपी जाएगी. जांच के दौरान मौके पर अस्पताल की डॉ जेसिनता, अनुमंडल अस्पताल के फार्मासिस्ट मोहित महतो, एनपीडब्ल्यू रोहित महाली आदि मौजूद थे.
डॉक्टर ने दी सफाई, दवा दी ही नहीं
लापरवाही सामने आने के बाद भी अस्पताल के डॉक्टर गलती मानने को तैयार नहीं हैं. अस्पताल की डॉ जेसिनता का कहना है कि 13 अप्रैल को उन्होंने संजू को दवा दी ही नहीं. उन्होंने कहा, “मरीज संजू वाजपेयी 13 अप्रैल को इलाज के लिए अस्पताल आयी. उसकी जांच कर केवल ड्रेसिंग की गयी. इसके एवज में 40 रुपये लिए गये हैं. ड्रेसिंग के अलावा मरीज संजू को किसी प्रकार की दवा नहीं दी गयी है.”
भाग्यवश कुछ नुकसान नहीं हुआ: मरीज
पूरे मामला सामने आने के बाद मरीज संजू वाजपेयी भगवान को धन्यवाद दे रही हैं कि अस्पताल की लापरवाही से उन्हें और उनके बच्चे को कोई नुकसान नहीं हुआ. उन्होंने कहा, “अब तक 15 गोली खा चुकी हूं लेकिन न घाव सूखा है न दर्द कर हो रहा है. भाग्यवश मेरे बच्चे व मुझे किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ. लेकिन अस्पताल को इस पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि किसी और को कुछ हो न जाय.”
इधर मरीज के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि जांच से पहले अस्पताल से एक्सपायर्ड दवा को हटा दिया गया इसलिए अधिकारी को वहां दवा नहीं मिली. उन्होंने अस्पताल के सीसीटीवी की जांच की मांग करते हुए कहा कि उसमें एक नर्स ट्रॉली में दवा लेकर जाती हुई दिख रही थी. उनका आरोप है कि अंजला अस्पताल लंबे समय से मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करता रहा है.

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