जैंतगढ़ : औसत दर्जे की खेती के बाद सरकार द्वारा बोनस सहित 1600 रुपये धान का मूल्य निर्धारण के बाद किसानों में आशा जगी थी, कि उनकी मेहनत रंग लायेगी. अच्छी कीमत मिलने से उनमें खुशहाली आयेगी. लेकिन जैंतगढ़ लैंपस में धान की खरीदारी शुरु नहीं होने से किसान परेशान है. मजबूरन वे एक हजार रुपये क्विंटल में बाहर खुले बाजार में धान बेचकर भारी नुकसान उठा रहे हैं. किसान नोटबंदी के बाद घर खर्च चलाने के लिए ओने-पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हैं.
जैंतगढ़ लैंपस में धान खरीद शुरू नही होनें से आठ पंचायतों के लगभग दस हजार किसान प्रभावित हुए हैं. इस संबंध में लैंपस सचिव चतुर्भज प्रधान ने कहा लक्ष्य के अनुसार किसानों का निबंधन अंचल कार्यालय में नही हुआ है. आदेश मिलते ही खरीदारी शुरू की जायेगी.