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जुड़िया नदी का पानी जहरीला खेतों की सब्जियां हुईं काली

प्रदूषण रोकने को ग्रामीणों ने कंपनियों के मालिकों संग की बैठक, कहा ईचागढ़ के विधायक साधु चरण महतो ने किया ग्रामीणों का नेतृत्व ग्रामीणों ने कहा- प्रदूषण पर रोक लगायें, वरना जोरदार आंदोलन होगा एसडीओ कार्यालय में 14 को होने वाली बैठक में लिखित लेंगे ग्रामीण ग्रामीणों ने सब्जियों में लगी काली धूल कंपनी मालिकों […]

प्रदूषण रोकने को ग्रामीणों ने कंपनियों के मालिकों संग की बैठक, कहा

ईचागढ़ के विधायक साधु चरण महतो ने किया ग्रामीणों का नेतृत्व
ग्रामीणों ने कहा- प्रदूषण पर रोक लगायें, वरना जोरदार आंदोलन होगा
एसडीओ कार्यालय में 14 को होने वाली बैठक में लिखित लेंगे ग्रामीण
ग्रामीणों ने सब्जियों में लगी काली धूल कंपनी मालिकों को दिखायी
चांडिल : चांडिल में कल-कारखानों से निकलने वाले प्रदूषण के खिलाफ सोमवार को प्रखंड के घोड़ानेगी में ग्रामीणों ने ईचागढ़ के विधायक साधु चरण महतो के नेतृत्व में विभिन्न कंपनी के मालिकों के साथ बैठक की. इसमें ग्रामीणों ने एकजुट होकर कहा- कंपनियों के मालिक प्रदूषण पर रोक लगायें, वरना हम और जोरदार तरीके से आंदोलन करेंगे. जबतक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी, हम आंदोलनरत रहेंगे. ग्रामीणों ने कहा कि कंपनियां वायु में प्रदूषण फैलाने के साथ फैक्टरी का गंदा पानी गांव के जुड़िया नदी छोड़ देती हैं. इस कारण नदी का पानी नहाने व जानवरों के पीने लायक नहीं रह गया है. नदी में नहाने पर शरीर में खुजली होती है. ग्रामीणों ने कंपनियों के मालिकों को अपने खेतों में उगायी गयी सब्जी फूलगोभी, बैगन, लौकी आदि दिखायी. सब्जियों पर काला धूल चिपका हुआ था.
मालिकों के आश्वासन पर नहीं माने ग्रामीण
बैठक में कोल्हान स्पंज आयरन मैनुफैक्चरिंग एसोसिएशन के बिनोद सिन्हा ने आश्वासन दिया कि कोई कंपनी अब प्रदूषण नहीं फैलायेगी. सभी कंपनियों में इएसपीएन मशीन लगायी गयी है. ग्रामीणों ने आश्वासन को नकारते हुए कहा अब इस संबंध में 14 दिसबंर को सीधे अनुमंडल कार्यालय में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, प्रदूषण विभाग के पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी आदि के साथ बैठक कर लिखित रूप से आश्वासन लिया जायेगा. इस अवसर पर एमआर एलॉय कंपनी के विवेक सिंह, जय मंगला कंपनी के जवाहर वीग, सिद्धि विनायक कंपनी के भांकर अग्रवाल, विनोद सिन्हा, प्रमुख सोनामनी देवी,
मुखिया बादल उरांव, राजेश उरांव, सरदीप लायक, सुधीर किस्कु, बलराम महतो, रामकृष्णा महतो, दिवाकर सिंह, प्रकाश सतपति, परितोश सतपति, शांतोमनी महतो, चंपारानी महतो, सेफाली सतपति, मीरा सतपति, पुतूल सतपति आदि काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
गौरतलब हो कि बीते छह दिसंबर को चांडिल प्रखंड के विभिन्न गांवों के लोगों ने प्रदूषण के खिलाफ में टाटा- रांची मुख्य मार्ग (एनएच 33) पर घोड़ानेगी में खाना बना और खाकर आंदोलन किया था. इसके बाद कंपनियों ने इस मुद्दे पर बातचीत का रास्ता खोला.
ग्रामीणों को संबोधित करते विधायक.
विगत 10-15 वर्षों से एमआर एलॉय, जय मंगला, सीआइएल, सिद्धि विनायक व नरसिंह इस्पात कंपनी क्षेत्र में प्रदूषण फैला रही है. प्रदूषण विभाग व स्थानीय प्रशासन को कई बार लिखित देकर प्रदूषण रोकने की मांग की गयी. कंपनी पर कार्रवाई नहीं हुई. आखिरकार ग्रामीणों ने तंग आकर सड़क पर उतरने का निर्णय लिया. ग्रामीणों ने अब ठान लिया है कि हर हाल में प्रदूषण रोकना है. इसके लिए आंदोलन या उच्च न्यायालय ही क्यों ना जाना पड़े. – कौश्लया महतो, ग्रामीण, घोड़ानेगी
जबतक कपंनी काला धुआं बंद नहीं करती है, तबतक हमारा आंदोलन जारी रहेगा. कंपनी के साथ ग्रामीणों का कोई लेना-देना नहीं है. कंपनियां प्रदूषण फैलाकर ग्रामीणों का जान लेने पर तुली है. कंपनी की चिपनी में काला धुआं नहीं दिखनी चाहिए. कंपनी हर हाल में काला धुआं को रोके. ग्रामीणों के जान के साथ खिलवाड़ ना करे. काला धुआं के कारण युवा पीढ़ी पर बुरा असर पड़ रहा है. – रेखा महतो, ग्रामीण, घोड़ानेगी
प्रदूषण पर कोई समझौता नहीं : साधु चरण
बैठक में ग्रामीणों को विधायक साधु चरण महतो ने कहा कंपनी के साथ प्रदूषण मामले में कोई समझौता नहीं किया जायेगा. लंबे अरसे से कंपनिया क्षेत्र में प्रदूषण फैला रही है. इसके कारण ग्रामीण त्रहिमाम कर रहे हैं. मालिक कंपनी चलायें, लेकिन ग्रामीणों को परेशानी नहीं होनी चाहिए.
काला धुआं फैला हेल्थ से खिलवाड़ कर रही कंपनियां
उप प्रमुख प्रबोध उरांव ने कहा कंपनियां प्रदूषण पर नियंत्रण लगाये. झारखंड मुक्ति वाहिनी के कपूर बागी ने कहा कि अब ग्रामीण अपना हक लेकर रहेंगे. चावलिबासा पंचायत के पंचायत समिति सदस्य गुरुचरण साव ने कहा कि कंपनी को हमने जमीन दी, ताकि हमारे गांव के लोगों को रोजगार मिल सके. उच्च शिक्षा व स्वास्थ्य मिल सके. कंपनी से हमें उच्च शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य की सुविधाएं ग्रामीणों को नहीं दी जाती है. कपंनियां क्षेत्र में काला धुंआ का प्रदूषण फैलाकर गरीब ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.
ग्रामीण खेती नहीं कर पा रहे हैं. तालाब नदी में नहाना मुश्किल हो गया. सुबह-सुबह तालाब और नदी का पानी पर काला धूल जमा रहता है. मजबूरी में उसी पानी में ग्रामीण नहाने को विवश हैं. प्रशासन व कंपनी मालिकों से अपील है कि ग्रामीणों का जान बक्श दें. ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना करें.

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