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मुसाबनी में सिलिकोसिस से पीड़ित एक और युवक की मौत

मुसाबनी : मुसाबनी प्रखंड की दक्षिणी बादिया पंचायत अंतर्गत तांतीपाड़ा में सोमवार को सिलिकोसिस पीड़ित गणेश धल (36) की मौत हो गयी. गणेश तीन वर्ष से सिलिकोसिस से पीड़ित था. गरीबी के कारण उसका उचित इलाज नहीं हो पाया और सोमवार रात घर पर उसकी मौत हो गयी. मृतक गणेश के परिवार में पत्नी मूलावती […]

मुसाबनी : मुसाबनी प्रखंड की दक्षिणी बादिया पंचायत अंतर्गत तांतीपाड़ा में सोमवार को सिलिकोसिस पीड़ित गणेश धल (36) की मौत हो गयी. गणेश तीन वर्ष से सिलिकोसिस से पीड़ित था. गरीबी के कारण उसका उचित इलाज नहीं हो पाया और सोमवार रात घर पर उसकी मौत हो गयी.

मृतक गणेश के परिवार में पत्नी मूलावती धल, एक पुत्र व एक पुत्री हैं. पुत्र उमेश धल मूक है. मृतक की पत्नी के अनुसार गणेश धल तेरंगा स्थित सफेद पत्थर के एक क्रशर में काम करता था. तीन साल काम करने के बाद उसने काम छोड़ दिया. कुछ दिनों बाद वह बीमार रहने लगा. परिवार वालों ने घर का समान बेचकर व रिश्तेदार से उधारी लेकर उसका इलाज कराया. गणेश धल की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. पिछले एक वर्ष से आर्थिक परेशानी के कारण उसका इलाज नहीं हो पा रहा था और उसकी हालत खराब होती गयी.
पत्नी करती है मजदूरी : गणेश धल की बीमारी से परिवार की आर्थिक स्थिति चरमरा गयी. पत्नी मूलावती धल दूसरों के घर में मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करती है.
सिल्कोसिस पीड़ितों की जानकारी मांगी है सुप्रीम कोर्ट ने : ओसाज के महासचिव सुमित कर के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से सिलिकोसिस पीड़ितों के संबंध में जानकारी मांगी है. श्री कर के अनुसार झारखंड में सिलिकोसिस पीड़ितों की हालत राज्य सरकार को संस्था जल्द मुहैया करायेगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग रांची में मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर 7 से 9 सितंबर को रांची में कैंप सिटिंग का कार्यक्रम कर रहा है.
सिलिकोसिस : 2002 से अब तक क्षेत्र में हो चुकी है 50 लोगों की मौत
सिलिकोसिस से मुसाबनी प्रखंड में वर्ष 2002 से अबतक करीब 50 क्रशर मजदूरों की मौत हो गयी है. इस वर्ष जनवरी में बादिया के बासो हांसदा, बालियागोड़ा के सावना मुर्मू, गिरिशडांगा की लक्ष्मी पातर, धोबनी के रामदास मांझी समेत छह सिलिकोसिस पीड़ित की मौत हो चुकी है. सिलिकोसिस पीड़ितों का इलाज व मुआवजा की लड़ाई स्वयंसेवी संस्था ओसाज लड़ रही है. ओसाज महासचिव समित कुमार के अनुसार प्रखंड के 36 सिलिकोसिस पीड़ितों की मेडिकल रिपोर्ट जमा है. कर के अनुसार सिलिकोसिस की बीमारी के शिकार लोगों को उचित इलाज की व्यवस्था करने और मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिलाने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष गुहार लगायी गयी है. आयोग की पहल पर पिछले दिनों सिलिकोसिस से मारे गये लोगों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश हुआ. मुसाबनी प्रखंड में 24 सिलिकोसिस से मारे गये आश्रितों के परिवार वालों को मुआवजा भुगतान का आदेश हुआ है. इसमें से 20 परिवार को मुआवजा मिला है. बाकी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र जमा करेंगे, तो मुआवजा भुगतान होगा. कर के अनुसार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सिलिकोसिस से मारे गये दस लोगों के आश्रितों को मुआवजा भुगतान का आदेश दिया है. श्री कर के अनुसार कांड्रा के तीन, गम्हरिया औद्योगिक क्षेत्र के दो और पश्चिम बंगाल के पांच परिवार को 4-4 लाख रुपया मुआवजा का भुगतान का आदेश हुआ है.

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