– कमल विश्वास –
अपराध अनुसंधान की सुस्त रही रफ्तार, आधे मामलों में चार्टशीट नहीं
चाईबासा : बीत रहे साल 2013 में अपराध और अपराधी के पीछते भागती पश्चिम सिंहभूम जिला पुलिस हांफती नजर आयी. एक के बाद हत्या, बलात्कार, नक्सली वारदार, चोरी की घटनाओं से लोगों की जान व अस्मत सांसत में रही तो कभी पुलिस ने सक्रियता दिखाकर वाहवाही बटोरी तो कभी पुलिस अपराधियों के दो कदम पीछे नजर आयी. घटनाओं के बाद अनुसंधान में पुलिस की रफ्तार काफी सुस्त रही.
पुलिस कप्तान पंकज कंबोज नक्सली मोरचे पर उपलब्धियां कायम कर लोगों में विश्वास जगाने में कामयाब रहे तो कई मोरचे पर विफलता और देरी के कारण पुलिस बचाव की मुद्रा भी जनता के सामने खड़ी दिखी.
इस साल के अपराधिक आकड़ों पर नजर डाले तो बड़ी ही भयावह तसवीर सामने दिखायी पड़ती है. साल के हर तीसरे दिन हत्या व चोरी, हर छठे दिन बलात्कार तथा हर 15 दिन में एक नक्सली घटनाएं हुए. 2013 में जिला में 111 हत्यां, 61 बलात्कार, 25 अपहरण, 132 चोरी 27 सेंधमारी, 4 डकैती के मामले सामने आये.
इस साल अपराधिक वारदातों में बीते साल के मुकाबले एक प्रतिशत की बढ़ौतरी दर्ज की गयी. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कत्ल, बलात्कार व नक्सली घटनाओं में सदर चाईबासा, बंदगांव, चक्रधरपुर, मनोहरपुर व जगन्नाथपुर प्रखंड सबसे आगे रहे.
हर माह 90 से अधिक वारदात
जिले में हर माह 90 से अधिक आपराधिक वारदात दर्ज किये गये. जनवरी में 93, फरवरी में 96, मार्च में 110, अप्रैल में 92, मई में 119, जून में 92, जुलाई में 101, अगस्त में 101, सितंबर में 91, अक्तूबर में 102 तथा नवंबर में 93 मामले दर्ज हुए.
सर्वाधिक अपराधों का गवाह रहा मई महीन
जिले में इस साल नवंबर माह तक आपराधिक घटनाओं से जुड़े 1095 मामले दर्ज किये गये. मई माह में सबसे अधिक आपराधिक घटनाएं हुई. इस माह 119 प्राथमिकी दर्ज की गयी.
जबकि अप्रैल व जून माह में सबसे कम 92-92 मामले दर्ज किये गये. जबकि मार्च माह में सबसे अधिक 15 हत्या के मामले तथा इसी माह सबसे अधिक 6 नक्सली घटनाएं हुई. जिले में पुलिस को सबसे अधिक चोरों ने परेशान किया. चोरी के 132 तथा सेंधमारी के 27 केस दर्ज है.