किरीबुरू : रावण दहन के बाद एक फास्ट फूड स्टॉल पर खड़ी महिला के साथ कथित रूप से जवान द्वारा छेड़खानी किये जाने से नाराज सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने सोमवार रात मेघाहातुबुरू स्थित सीआइएसएफ कैंप का घेराव कर दिया.
घटना सोमवार रात लगभग ग्यारह बजे तब हुई जब मेघाहातुबुरू निवासी गुरुचरण ओड़ेया अपनी पत्नी, बहन व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ एक स्टॉल में चाउमिन खा रहे थे.
आरोप है कि सीआइएसएफ के जवान वीरेंद्र कुमार ने महिलाओं को छेड़ा. इसका विरोध गुरुचरण ने किया. इसके बाद वीरेंद्र व उसके साथियों ने ग्रामीणों से मारपीट की. इस घटना से नाराज लोग संगठित होकर जवानों को खदेड़ते कैंप तक पहुंचे व कैंप को घेर लिया.
घटना की सूचना पाकर भुवनेश कुमार (डिप्टी कमांडेंट, सीआइएसएफ), रजत मणीक बाखला (एसडीपीओ, किरीबुरू), सुरेश राम (थाना प्रभारी) आदि तत्काल मौके पर पहुंचे. घंटों मशक्कत के बाद स्थिति पर काबू पाया जा सका. एसडीपीओ, डीसी, थाना प्रभारी के सामने ही पीड़ित परिवार को कैंप के भीतर ले जाकर पहचान परेड करायी गयी.
जिसमें लोगों ने वीरेंद्र कुमार की पहचान की. डीसी भुवनेश कुमार ने मौके पर ही वीरेंद्र को निलंबित कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी. रात ग्यारह बजे शुरू हुआ यह बवाल मंगलवार की सुबह पांच बजे तक चला.
अधिकारी व जवान पर निशाने पर
इस मामले में सीआइएसएफ के कुछ अधिकारी व जवानों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है. रात आठ बजे के बाद जवानों को कैंप से बाहर निकलने की मनाही है. बावजूद वीरेंद्र व अन्य जवान बाहर निकले और वह घटना को अंजाम दिया. सीआइएसएफ के वरीय अधिकारी मामले पर नजर रखे हुए है. मेघाहातुबुरू खदान के महाप्रबंधक ने भी डीसी भुवनेश कुमार को तलब किया है.
– उग्र ग्रामीणों ने मेघाहातुबुरू सीआइएसएफ कैंप घेरा
– पहचान परेड के बाद जवान निलंबित, प्राथमिकी दर्ज
घटना दुर्भाग्यपूर्ण
घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. दोषी जवान को निलंबित कर दिया गया है, मामले की जांच चल रही है. सीआइएसएफ के साथ स्थानीय लोगों को व्यवहार परिवार जैसा है. आगे ऐसी घटना न घटे उस दिशा में प्रयास किया जायेगा.
भुवनेश कुमार, डिप्टी कमांडेंट, सीआइएसएफ
जो भी हुआ वह गलत हुआ. कानून सबके लिए बराबर है. दोषी जवान को सीआइएसएफ ने निलंबित कर दिया है. पुलिस भी उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी. ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए. पुलिस व जनता के बीच दोस्ती व भाईचारा को कायम रखा जायेगा.
रजत मणीक बाखला, एसडीपीओ