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पूर्व सांसदों के निशाने पर कोल्हान आयुक्त

चाईबासा : पूर्व सांसद बागुन सुम्बरूई समेत तीन पूर्व सांसदों ने जमशेदपुर के टाटा सबलीज बंदोबस्ती अनियमितताओं की जांच सीबीआइ से कराने की मांग उठायी है. बागुन के अलावा पूर्व सांसद दुर्गा प्रसाद जामुदा व चित्रसेन सिंकु ने भी राज्यपाल के सलाहकार मधुकर गुप्ता को भेजे गये पत्र में सरकारी राजस्व हानि से सीधे जुड़े […]

चाईबासा : पूर्व सांसद बागुन सुम्बरूई समेत तीन पूर्व सांसदों ने जमशेदपुर के टाटा सबलीज बंदोबस्ती अनियमितताओं की जांच सीबीआइ से कराने की मांग उठायी है.

बागुन के अलावा पूर्व सांसद दुर्गा प्रसाद जामुदा व चित्रसेन सिंकु ने भी राज्यपाल के सलाहकार मधुकर गुप्ता को भेजे गये पत्र में सरकारी राजस्व हानि से सीधे जुड़े इस मामले में शामिल पदाधिकारी (तत्कालीन अपर उपायुक्त राकेश कुमार व वर्तमान आयुक्त ) की भूमिका की जांच स्वयं के स्तर से अथवा सीबीआइ से कराने का अनुरोध किया गया है.

बागुन के अनुसार वर्ष 2005 में जमशेदपुर, जिला पूर्वी सिंहभूम में टाटा लीज के अंतर्गत 482 एकड़ जमीन 103 व्यक्तियों को मात्र 11.59 करोड़ रुपये में बंदोबस्त कर दिया गया. सरकार के आदेश पर इसकी जांच झाप्रसे राजस्व पर्षद के सदस्य देवाशीष गुप्ता ने की एवं अपनी रिपोर्ट 12 अक्टूबर 2012 को राजस्व व भूमि सुधार विभाग के सचिव को सौंपा. लेकिन तीन साल बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

क्या-क्या हुई तकनीकी चूक

पूर्व सांसद बागुन के अनुसार सब लीज का प्रस्ताव टाटा निदेशक मंडल द्वारा प्रस्तावित होना चाहिए जो नहीं किया गया. टाटा लीज के मुख्य उद्देश्य के अनुरूप ही सब लीज दिया जा सकता है. इसका भी सब लीज बंदोबस्ती में उल्लंघन हुआ. टाटा लीज में से 482 एकड़ जमीन मात्र 11.59 करोड़ रुपये की सलामी में बंदोबस्ती दी गई है.

जबकि बाजार मूल्य इस से कई गुणा अधिक है, मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया पारदर्शी नही थी. उच्चतम डाक बोली के आधार पर किये जाने पर अरबों रुपये का राजस्व प्राप्त हो सकता था.

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