बंदगांव : कराईकेला थाना के भरंडिया गांव से दो नाबालिग लड़की दलाल के चक्कर में पड़ कर दिल्ली में बेच दी गयी थीं. मामला जब कराईकेला थाना में पहुंचा तो दलाल व लड़कियों को भेजने वाले मकान मालिक में हड़कंप मच गयी.
सोनुवा की संस्था जीवन जागृति केंद्र के सहयोग से दोनों लड़कियों को वापस घर लाया गया. जानकारी के मुताबिक भरंडिया गांव निवासी 15 वर्षीया शांति गागराई तथा 13 वर्षीया जुराई गागराई चक्रधरपुर शहर सामान की खरीदारी करने छह जून को गयी थी. इन दोनों की मुलाकात एक दलाल से हुई.
इन दोनों लड़कियों को दलाल बहला-फुसला कर काम दिलाने के नाम पर दिल्ली ले गया. वहां दो अलग अलग घरों में दोनों लड़कियों को बेच दिया गया. लड़की वहां काम करने लगी. लेकिन घर वालों को जानकारी नहीं होने के कारण लड़कियों को तलाश किया जाने लगा.
19 जून को लड़की शांति गागराई घर से मौका पाकर अपने भाई सोमा गागराई को फोन की. वह वापस घर लौटना चाह रही थी. फोन के बाद घर के मालिक ने शांति गागराई से फोन छीन लिया और उसके घर वालों को दलाल द्वारा बेचे जाने की सूचना दिया.
फोन के बाद सोमा गागराई एवं जुराई गागराई के भाई रामाय गागराई कराईकेला थाना पहुंच कर थाना प्रभारी किशोर तिर्की को पूरे मामले की जानकारी दिया व अपनी बहन को वापस लाने की गुहार लगायी. पुलिस मामले का अनुसंधान में लगी थी. लड़की के भाई ने सोनुवा जाकर जीवन जागृति केंद्र के संचालक उदय सिंह पूर्ति व सिकंदर गागराई को मामले की जानकारी दी.
थाना प्रभारी किशोर तिर्की ने दिल्ली फोन लगा कर घर के मालिक पर लड़की को वापस भेजने का दबाव बनाया. जीवन जागृति केंद्र के सदस्य द्वारा लड़की को वापस लाने का प्रयास किया गया. 17 दिनों के बाद लड़की को 23 जून को वापस ले आया गया है. शांति गागराई कराईकेला उच्च विद्यालय में कक्ष में नवम में पढ़ती है. जुराई गागराई कक्षा 10 में पढ़ रही है.
शांति गागराई ने कहा कि दलाल के बहकावे में आकर वह दिल्ली चली गई थी. जहां उसे काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा. 15 दिन काम करने पर मात्र 500 रुपये दिये गये. कभी भी बाहर काम करने नहीं जायेंगी. संस्था के संचालक उदय सिंह पूर्ति ने लड़की का अर्थिक सहयोग करते हुए कहा कि वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे.