शीन अनवर
205778
पुरुष वोटर
101610
महिला वोटर
104168
चक्रधरपुर : कोल्हान प्रमंडल का चाईबासा विधानसभा क्षेत्र हमेशा से सुर्खियों में रहा है. आदिवासियों की वेशभूषा का प्रतीक के तौर पर स्थापित नेता बागुन सुंबरुई इसी विधानसभा क्षेत्र से आते थे. श्री सुंबरुई ने सांसद, मंत्री व विधायक बन कर चाईबासा को पहचान दिलायी. 1957 में चाईबासा विधानसभा क्षेत्र बना.
1952 में चक्रधरपुर से विधायक बननेवाले सुखदेव माझी व 1957 में चाईबासा से जीत कर दोनों विधानसभा क्षेत्र के प्रथम विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया. विधानसभा क्षेत्र का सबसे पॉपुलर चेहरा बागुन सुंबरुई रहे. 1967, 1969 व 1972 में लगातार जीत की तिकड़ी लगायी. दो बार निर्दलीय व 1972 में झारखंड पार्टी से चुनाव जीते थे.
बागुन सुंबरुई की पत्नी मुक्तिदानी सुंबरुई 1977 व 1980 में विधायक चुनी गयीं. 1985 में भाजपा के राधे मुंडा और 1990 में झामुमो के खाता हीबर गुड़िया ने सीट जीती. 1995 में जवाहर लाल बानरा भाजपा के टिकट पर जीते. एक बार फिर बागुन सुंबरुई 2000 में कांग्रेस से विधायक चुने गये. झारखंड राज्य वजूद में आने के बाद से तीन चुनाव हुए. 2005 में पुत्कर हेंब्रम भाजपा से 2009 व 2014 में झामुमो से दीपक बिरुआ विधायक चुने गये.
जन-जन के संपर्क में रहा : दीपक
विधायक दीपक बिरुआ का मानना है कि पूरे पांच साल तक मैं जन-जन के संपर्क में रहा. सभी की समस्या का समाधान करता रहा. क्षेत्र में शांति व अमन कायम रखा. हर गांव-टोला में संपर्क सड़क बनवाया.
सिंचाई सुविधा जीरो : तुबिद
भाजपा के नेता जेबी तुबिद कहते हैं कि पिछले पांच साल में चार प्रमुख सेक्टर में काम नहीं हो सका. कृषि को बढ़ावा देने के लिए सिंचाई के क्षेत्र में शून्य कार्य हुआ. महिला सशक्तीकरण की पहल नहीं हुई.
तीन महत्वपूर्ण कार्य जाे हुए
समाहरणालय भवन का निर्माण
इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना
कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय बना
तीन महत्वपूर्ण कार्य जो नहीं हुए
मेडिकल कॉलेज का भवन अधूरा
शहरी जलापूर्ति योजना अधूरी है
आरओबी का निर्माण पूरा नहीं