चाईबासा: चाईबासा कस्तूरबा विद्यालय की छात्राएं बुधवार को छह फीट ऊंची दीवार फांदकर शिक्षिकाओं व विद्यालय की अव्यवस्था की शिकायत करने समाहरणालय पहुंच गयी. यहां मौजूद अधिकारियों ने उनकी समस्याओं पर विचार करने का भरोसा देकर वापस स्कूल भेजा. इसके बाद स्कूल जाकर सदर अनुमंडल पदाधिकारी असीम किसपोट्टा, सदर बीडीओ, मुकेश मछुवा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी उमा महतो, डीएसइ बीना कुमारी, एडीपीओ अनूप केरकेट्टा ने छात्राओं की समस्याएं सुनीं.
छात्राओं ने आरोप लगाया कि शिक्षिकाएं अपना कपड़ा और बरतन छात्राओं से धुलवाती हैं. बात-बात पर डांटती हैं और हाथ-पैर की मालिश करवाने के लिए दबाव डालती हैं. छात्राओं ने आरोप लगाया कि इन कामों को नहीं करने पर शिक्षिकाएं यह धमकी देती हैं कि वे उनके अभिभावकों को बोलकर उनकी शादी करवा देंगी. स्कूल में ट्यूशन की व्यवस्था करने के अलावा माह में दो दिन अभिभावकों से मुलाकात करने की मांग भी छात्राओं ने पदाधिकारियों के सामने रखी.
छात्राओं की समस्या को सुनने के बाद अधिकारियों ने शिक्षिकाओं का भी पक्ष जाना. छात्राओं के आरोपों को शिक्षिकाओं ने सिरे से खारिज कर दिया. पदाधिकारियों ने शिक्षिकाओं को स्पष्ट रूप से चेताया कि छात्राओं से बरतन, कपड़ा धुलवाने के अलावा निजी कार्य करवाने की शिकायत आती है तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने से लेकर बाल श्रम कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
स्कूल स्टाफ से भी पूछताछ
वार्डेन मालती कुजूर, शिक्षिका सपना दास, रश्मि होरो, विमला बुड़ीउली, एकाउंटेंट तथा मैथ, विज्ञान और अग्रेंजी की शिक्षिकाओं के अलावा तथा खाना बनाने वाली और बरतन धोने वाली महिलाकर्मी से भी पदाधिकारियों ने पूछताछ की. छात्राओं की शिकायत थी कि विज्ञान के तीनों विषय भौतिकी, जीव विज्ञान तथा रसायन की पढ़ाई एक साथ करायी जाती है. विज्ञान शिक्षिका से पूछताछ हुई और तीनों विषय को अलग-अलग पढ़ाने की हिदायत दी गयी. अग्रेंजी की शिक्षिका को ग्रामर ठीक से पढ़ाने की बात अधिकारियों ने की. खाना बनाने वाली और बरतन धोने वाली कर्मचारी को भी अधिकारियों ने डपटा.