मनोहरपुर : मनोहरपुर रेलवे फाटक के नजदीक नवनिर्मित तीन दिवसीय गणेश मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अंतिम दिन बुधवार की देर शाम जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद ने अपने आर्शीवचन में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन धर्म को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. आदिवासियों के मध्य कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि वे हिंदू नहीं हैं, यह गलत बात है. वनवासी, आदिवासी हमारे हिंदू संस्कृति के अविभाज्य अंग हैं. उन्हें विभाजित करने की साजिश हो रही है.
सनातन और सरना धर्म एक ही है. शंकराचार्य ने बताया कि हिंदू रीति रिवाजों को आदिवासी समुदाय पालन करते है. उन्होंने कहा कि धार्मिक शिक्षा का स्कूलों में प्रचार नहीं होने और नशे की प्रवृति में बढ़ोतरी होने से महिलाओं पर अनाचार बढ़ रहा है, जो कि चिंता का विषय है. अगर स्कूलों में नैतिक और धार्मिक शिक्षा दी जाये तो महिलाओं पर होने वाले जुर्मों में कमी आयेगी.
उन्होंने कहा कि गणेश जी विघ्नविनाशक हैं. मंदिर में स्थापित प्रतिमा की उन्होंने प्रशंसा की. मौके पर ब्रह्मचारी सुबुधानंद, ब्रह्मचारी कैवल्यानंद, ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानंद, गणेश पूजा समिति के रंजीत यादव, अभय शुलपाणी, राजेश सिंह, हीरालाल नायक व अन्य मौजूद थे. शंकराचार्य के आर्शीवचन के बाद भजन संध्या व झांकी का आयोजन किया गया.