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दर्जनों पहाड़ों का अस्तित्व संकट में
सिमडेगा: बिना लीज के ही हो रही पहाड़ों की कटाई, कई हो गये खत्म सिमडेगा : जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थित पहाड़ों व पहाड़ियों से रोजाना पत्थरों का अवैध उत्खनन हो रहा है. इस कारण दर्जन भर से अधिक पहाड़ों पर उसके गायब होने का संकट मंडराने लगा है. इस कार्य में खनन विभाग […]
सिमडेगा: बिना लीज के ही हो रही पहाड़ों की कटाई, कई हो गये खत्म
सिमडेगा : जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थित पहाड़ों व पहाड़ियों से रोजाना पत्थरों का अवैध उत्खनन हो रहा है. इस कारण दर्जन भर से अधिक पहाड़ों पर उसके गायब होने का संकट मंडराने लगा है.
इस कार्य में खनन विभाग के अधिकारियों की भी मिलीभगत रहती है. जिले में 42 लोगों को पत्थर तोड़ने का लीज दिया गया है. दूसरी ओर जलडेगा, बोलबा तथा बांसजोर प्रखंड में एक भी लीज धारक नहीं हैं. इसके बाद भी उक्त तीनों प्रखंड में दर्जनों पहाड़ों की कटाई जारी है़ जिले में कुल पांच जगहों पर क्रशर मशीन चालू है.
एनएच 143 मुख्य पथ पर कसडेगा के निकट छोटी पहाड़ी थी.काफी लंबे समय से इस पहाड़ी से पत्थरों का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. कसडेगा के पास जहां पहाड़ी थी, आज वहां पर बड़ा सा गड्ढा बन गया है़ पर्यटन स्थल केलाघाघ में भी पहाड़ों को अवैध तरीके से काटा जा रहा है. पत्थर माफिया बेखौफ पहाड़ों को काट-काट कर बेच रहे हैं पत्थर व बोल्डर को ट्रैक्टर व ट्रक के माध्यम से क्रशर मशीन तक ले जाया जाता है.
जलडेगा, कोलेबिरा, केरसई, बांसजोर, बानो प्रखंड में पत्थर माफिया बेखौफ पहाड़ों को काट कर बेच रहे हैं. जलडेगा, बोलबा तथा बांसजोर प्रखंड में एक भी लीज धारक नहीं हैं. इसके बाद भी उक्त तीनों प्रखंड में दर्जनों पहाड़ों की कटाई जारी है़
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