सरायकेला : जिला समाहरणालय सभागार में रविवार को डीसी रमेश घोलप ने प्रदूषण नियंत्रण विभाग के पदाधिकारियों और औद्योगिक संस्थान के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इसमें कंपनियों से हो रहे प्रदूषण की जानकारी ली. डीसी ने प्रदूषण नियंत्रण मानकों को पूरा नहीं कर रही जिले की चार कंपनियों (आधुनिक, जयमंगला, नीलांचल व सीआइएल) को बंद करने का निर्देश दिया. डीसी ने सभी कंपनियों को प्रदूषण पर नियंत्रण का निर्देश दिया.
डीसी के निर्देश के बाद चौका थाना क्षेत्र के एनएच 33 टाटा रांची मार्ग के किनारे कुरली स्थित सीआइएल कंपनी को रविवार को सील कर दिया गया. इधर कांड्रा के रघुनाथपुर गांव स्थित नीलांचल कंपनी को सील करने का आदेश दिये जाने से वहां कामगार भड़क गये. जिसके बाद अधिकारियों की टीम कंपनी सील करने नहीं पहुंची.
बिना इएसपी व सीटीओ की नहीं चलेगी कंपनी : डीसी ने कहा कि ग्रामीण अक्सर कंपनियों के खिलाफ प्रदूषण फैलाने की शिकायत लेकर आते हैं. इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन की बात कहते हैं. कुछ कंपनियों की शिकायत है कि उनका सीटीओ रद्द हो गया है. प्रदूषण नियंत्रण के लिए इएसपी मशीन नहीं है. सड़क पर डस्ट नहीं िगरना चाहिए. डीसी ने निर्देश दिया कि बिना इएसपी व सीटीओ की कोई कंपनी नहीं चलेगी. सर
शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई: उपायुक्त ने कंपनी प्रतिनिधियों को प्रदूषण
कंपनी चलाने का निर्देश दिया. बिना इएसपी व सीटीओ के कंपनी संचालन की शिकायत मिलने पर जांच टीम गठित की जायेगी. जांच में दोषी पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी.
रामकृष्ण फोर्जिंग को नाला में कंपनी का अवशेष नहीं छोड़ने का निर्देश : डीसी ने कहा कि जहां फ्लाई ऐश गिराया गया है, वहीं मिट्टी फीलिंग करें. रामकृष्ण फोर्जिंग के प्रतिनिधि को नाला के पानी में कंपनी का अवशेष (तेल व गंदा पानी) नहीं छोड़ने का निर्देश दिया.
नव निर्माण कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ जांच के आदेश : बैठक में नव निर्माण कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ पत्थर उत्खनन के लिए डेढ़ सौ फीट तक गड्ढा किये जाने की शिकायत मिली. इसके बाद डीसी ने नव निर्माण कंपनी के खिलाफ जांच का निर्देश दिया. मौके पर ईचागढ़ विधायक विधायक साधुचरण महतो, सांसद प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सिंहदेव, विधायक प्रतिनिधि मांगीलाल महतो, प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय पदाधिकारी सुरेश पासवान, वैज्ञानिक एसके झा, प्रभारी अनुमंडल पदाधिकारी बालकिशोर महतो सहित कई कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
कई कंपनियों में इएसपी उपकरण नहीं लगाये जाने की सूचना मिली है. कुछ कंपनियों में इएसपी है लेकिन उसका ठीक से संचालन नहीं हो रहा है. कंपनी के संचालन के लिए सीटीआे का होना अनिवार्य है. कई जगह से सीटीआे के नियमों के उल्लंघन की शिकायत मिली है. इन सबकी जांच के लिए एक कमेटी बनायी जायेगी. इसमें एसडीआे व अन्य अधिकारी होंगे. कमेटी की रिपोर्ट प्रदूषण बोर्ड को भेजी जायेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.
रमेश घोलप, उपायुक्त सरायकेला-खरसावा
मानकों को पूरा नहीं कर रही थी कंपनी : एसडीआे
चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी भागीरथ प्रसाद ने बताया कि विभाग द्वारा दिए गए मानको को सीआइएल कंपनी पूरा नहीं कर रही थी. कंपनी द्वारा प्रदूषण को रोकने के कोई मशीन नहीं लगायी गयी थी. जिस कारण विभागीय कारवाई करते हुए कंपनी को सील कर दिया गया है. क्षेत्र के और भी कंपनियों पर जांच चल रही है. बहुत जल्द उन कंपनियों पर भी गाज गिरेगी. कंपनी सील किये जाने के अवसर पर प्रदूषण विभाग के रिजनल पदाधिकारी सुरेश पासवान, जितेन्द्र कुमार, चौका पुलिस की टीम आदि उपस्थित थे.