10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कुचाई : सिंचाई के अभाव में मर रहे शहतूत के पौधे

खरसावां : कुचाई के गांवों में मलबाड़ी सिल्क की खेती कराने की योजना ठंडे बस्ते में पड़ती नजर आ रही है. मलबाड़ी सिल्क की खेती शुरू करने के लिए कुचाई के पगारडीह, सांकोडीह, बाइडीह व तिलोपदा में करीब 40 एकड़ जमीन पर शहतूत का पौधरोपण किया गया है. सरकार द्वारा किसी एनजीओ के माध्यम से […]

खरसावां : कुचाई के गांवों में मलबाड़ी सिल्क की खेती कराने की योजना ठंडे बस्ते में पड़ती नजर आ रही है. मलबाड़ी सिल्क की खेती शुरू करने के लिए कुचाई के पगारडीह, सांकोडीह, बाइडीह व तिलोपदा में करीब 40 एकड़ जमीन पर शहतूत का पौधरोपण किया गया है. सरकार द्वारा किसी एनजीओ के माध्यम से पौधरोपण कराया गया है. परंतु सिंचाई व पानी के अभाव में शहतूत के पौधे मर रहे है. ग्रामीणों ने बताया कि पौधरोपण करने वाली एनजीओ द्वारा पौधों की देखभाल नहीं की जा रही है.

सिर्फपौधा लगा कर छोड़ दिया गया है. ऐसे में बड़े पैमाने पर पौधे मर रहे है. अगले वर्ष इन पौधों पर कीट पालन कर मलबाड़ी सिल्क की खेती की योजना है. ऐसे में यह योजना पूरी होती नहीं दिख रही है. सिल्क के चार किस्मों में मलबाड़ी सिल्क सबसे उन्नत व विश्व में सर्वाधिक पसंद किये जाने वाला सिल्क कपड़ा है. झारखंड में इसकी खेती काफी कम होती है. मलवाड़ी सिल्क मुख्य रु प से कर्नाटक,आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु व पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्रों में होता है. प्रयोग के तौर पर अब कुचाई में भी इसे शुरू किया जा रहा है. ग्रामीणों ने पौधों की सिंचाई की व्यवस्था करने की मांग की है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें