फोटो16 केएसएन 1 – रामगढ़ शिव मंदिर के बाहर पाषाण की नंदी.संवाददाता, खरसावांखरसावां प्रखंड मुख्यालय से तीन किमी की दूरी पर है छोटा गांव रामगढ़. मान्यता है कि इस गांव के शिव मंदिर में सच्चे हृदय से मांगी गयी हर मन्नत पूरी होती है. मंदिर में साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है. महाशिवरात्रि के मौके पर भक्तों की तादात कुछ ज्यादा बढ़ जाती है. यहां भोले बाबा का जलाभिषेक को सुबह से शाम तक भीड़ लगी रहती है. रात में भी श्रद्धालु दीप जला कर रूद्राभिषेक करते है. यहां स्वयंभु शिवलिंग है तथा वर्षों से पूजा अर्चना होती आ रही है. मंदिर की स्थापना के बारे में कहा जाता है कि राजा राजवाड़ों के समय से ही मंदिर में पूजा अर्चना होती आ रही है. समय के साथ-साथ मंदिर का स्वरूप भी बदलता गया और आज यहां भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है. मंदिर के बाहर नंदी महाराज के पाषाण की मूर्ति भक्तों में कौतूहल पैदा करती है. जो भी भक्त रामगढ़ शिव मंदिर में पूजा अर्चना को आते हैं, वे पाषाण के नंदी महाराज की मूर्ति पर जलाभिषेक करना नहीं भूलते. लोगों में इस मंदिर के प्रति अटूट श्रद्धा व विश्वास है. भक्तों का मानना है कि यहां से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता है.
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रामगढ़ शिव मंदिर में पूरी होती है भक्तों की मनोकामना
फोटो16 केएसएन 1 – रामगढ़ शिव मंदिर के बाहर पाषाण की नंदी.संवाददाता, खरसावांखरसावां प्रखंड मुख्यालय से तीन किमी की दूरी पर है छोटा गांव रामगढ़. मान्यता है कि इस गांव के शिव मंदिर में सच्चे हृदय से मांगी गयी हर मन्नत पूरी होती है. मंदिर में साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है. महाशिवरात्रि […]
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