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सरायकेला सदर अस्पताल का हाल

मरीजों के अल्ट्रासाउंड की भी सुविधा नहीं मरीज निजी क्लिनिक में कराते हैं अल्ट्रासाउंड या रेफर किया जाता है एमजीएम सरायकेला : जिले का सदर अस्पताल नाम बड़े पर दर्शन छोटे वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है. वैसे तो जिले का एकमात्र बड़ा अस्पताल जहां मरीज खरसावां, कुचाई, राजगनर, सीनी से रेफर होकर आते […]

मरीजों के अल्ट्रासाउंड की भी सुविधा नहीं

मरीज निजी क्लिनिक में कराते हैं अल्ट्रासाउंड या रेफर किया जाता है एमजीएम
सरायकेला : जिले का सदर अस्पताल नाम बड़े पर दर्शन छोटे वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है. वैसे तो जिले का एकमात्र बड़ा अस्पताल जहां मरीज खरसावां, कुचाई, राजगनर, सीनी से रेफर होकर आते हैं, लेकिन वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगती है. अस्पताल में सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है. वहां भी नाममात्र का ही इलाज होता है. सबसे बुरा हाल अस्पताल में बिजली का है. कहने को तो अस्पताल में जेनरेटर की सुविधा है, परंतु उसे विशेष परिस्थतियों में ही चलाया जाता है. कुल 100 बेड की क्षमता वाले अस्पताल में फिलहाल सिर्फ 40 से 50 बेड ही लगे हैं और उन पर भी मरीज पूरे नहीं हो पाते. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सदर अस्पताल की क्या स्थिति है. मरीजों की बीमारियां ठीक करने के लिए बना यह अस्पताल फिलहाल खुद ही बीमार है.
रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने से नहीं होता अल्ट्रासांउड : सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन तो है, किन्तु उसका रेडियोलॉजिस्ट के नहीं रहने के कारण यह उपकरण बंद है. लगने के कुछ दिन बाद तक इस मशीन से ठीक-ठाक काम हुआ लेकिन उसके इस्तीफा दे देने के बाद से मशीन बंद पड़ी है.
बेकार पड़ी है लाखों की अल्ट्रासाउंड मशीन : सदर अस्पताल में जांच के नाम पर सिर्फ रक्त जांच व एक्स रे ही होता है. अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों को निजी क्लिनिकों का ही सहारा है. प्रधानमंत्री मातृ सुरक्षा योजना शुरू होने पर अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है, लेकिन अस्पताल में हफ्ते में सिर्फ एक दिन, शुक्रवार को ही गर्भवती महिलाओं की जांच होती है. विशेष परिस्थितियों में आनेवाले मरीजों को सीधे एमजीएम रेफर कर दिया जाता है.
अल्ट्रासाउंड मशीन लगी है, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में पड़ी है बेकार
सप्ताह में सिर्फ एक दिन शुक्रवार को गर्भवती का होता है अल्ट्रासाउंड
रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में अल्ट्रासाउंड की सेवा चालू नहीं हो सकी है. गभर्वती महिलाओं का सप्ताह में एक दिन अल्ट्रासाउंड कराया जाता है. इसके लिए जिला स्तर पर एक रेडियोलॉजिस्ट की व्यवस्था की गयी है.
डॉ ए पी सिन्हा, सिविल सर्जन सरायकेला खरसावां
नाम का सदर अस्पताल, सुविधाएं अनुमंडल की
पहले यह अनुमंडल अस्पताल में संचालित था. वर्ष 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा द्वारा सदर अस्पताल भवन के उद्घाटन के बाद अस्पताल को नये भवन में स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन उसे सदर अस्पताल जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी गईं. उद्घाटन के दस वर्ष बाद भी यह अनुमंडल अस्पताल की तर्ज पर ही चल रहा है.

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