साहिबगंज : झारखंड के साहिबगंज जिला के ऐतिहासिक राजमहल पहाड़ को बचाने की मुहिम रंग ला रही है. अब एनजीटी ने भी कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. झारखंड प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव राजीव लोचन बख्शी ने एनजीटी द्वारा गठित उच्चस्तरीय टीम की रिपोर्ट पर जिले के करीब 300 से अधिक पत्थर खनन पट्टाधारियों व स्टोन क्रशर चलाने वालों पर 2,58,000 से 11,25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया है.

इस मामले में याचिका दायर करने वाले सैयद अरशद नसर ने बताया कि उक्त जुर्माना एनवायरमेंटल कंपनसेशन के रूप में लगाया गया है. जुर्माना की रकम पत्र प्राप्ति के एक माह के भीतर जमा करने का आदेश दिया गया है. आदेश का पालन नहीं करने पर 12 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज भी भरना होगा.
इस संबंध में जिले के पत्थर कारोबारियों को झारखंड प्रदूषण बोर्ड, रांची से पत्र भेजा जा रहा है. इसी मामले की सुनवाई पहले एनजीटी के कोलकाता बेंच में चल रही थी. हाल ही में मामला कोलकाता से एनजीटी की प्रधान बेंच नयी दिल्ली में शिफ्ट हो गयी है. इसकी सुनवाई प्रधान बेंच के चेयरपर्सन न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की पीठ कर रही है.

ज्ञात हो की एनजीटी ने मामले में लापरवाही बरतने के चलते पूर्व में जिले के डीसी, एसपी व जिला खनन पदाधिकारी के खिलाफ दो-दो लाख रुपये का जुर्माना व 50-50 हजार रुपये का जमानती वारंट भी निर्गत कर चुका है. अधिकारियों ने कोलकाता बेंच में सशरीर उपस्थित होकर इसका पालन किया. हाल ही में एनजीटी द्वारा गठित उच्चस्तरीय टीम जिले के खदानों व क्रशरों का दो-दो बार निरीक्षण कर अपनी गोपनीय रिपोर्ट एनजीटी को सौंप चुकी है. एनजीटी की इस सख्ती से पत्थर कारोबारियों में हड़कंप मच गया है.