हमारे देश में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ती जा रही है. लोग काफी सचेत होते जा रहे हैं. ऐसे में प्रशिक्षित डॉक्टरों के साथ उनकी मदद के लिए सहायकों की जरूरत होती है. इन्हें पैरामेडिकल स्टाफ कहा जाता है.
कई बार ऐसा भी होता है कि छात्र कम अंक आने से मेडिकल में नहीं जा पाते हैं. ऐसे में वे पैरामेडिकल के क्षेत्र में कैरियर बना सकते हैं. डॉक्टर द्वारा जांच के बाद मरीज की देखभाल का जिम्मा पैरामेडिकल स्टाफ पर ही होता है.
कभी-कभी तो इनकी आवश्यकता डॉक्टर से पहले होती है. अत: 12वीं के बाद इस क्षेत्र में भी कैरियर बनाया जा सकता है.
कोर्स
12वीं के बाद पैरामेडिकल के क्षेत्र में डिप्लोमा कोर्स किया जा सकता है. पैरामेडिकल के अंदर कई अन्य ब्रांच होते हैं, जिनमें लैब टेक्नोलॉजी, एक्स-रे एवं रेडियोग्राफी टेक्नोलॉजी, फिजियोथेरेपी, ऑपरेशनल थेरेपिस्ट अस्सिटेंट आदि के अलावा अन्य जानकारी दी जाती है. इन क्षेत्रों में डिप्लोमा कराया जाता है.
योग्यता
पैरामेडिकल में डिप्लोमा करने के लिए 12वीं साइंस से पास करना आवश्यक है. इसके अतिरिक्त विभिन्न संस्थाओं में नामांकन के लिए राज्य स्तर पर होनेवाली सम्मिलित परीक्षा पास करनी होती है. कुछ संस्थान अपने स्तर पर भी जांच परीक्षा आयोजित करते हैं. झारखंड में इस कोर्स को करने के लिए झारखंड कंबाइंड परीक्षा पास करनी होती है. पैरामेडिकल में डिप्लोमा कोर्स दो वर्षो का होता है.
भविष्य
पैरामेडिकल में डिप्लोमा करने के बाद सरकारी, गैर सरकारी अस्पतालों में रोजगार के अवसर मिलते हैं.
– राहुल गुरु –