साहिबगंज की लड़की को प्रताड़ित करने वाली
परिजन हुए रवाना
नई दिल्ली/साहिबगंज : दिल्ली की एक अदालत ने 50 साल की उस महिला को आज 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया जिसे अपने घर में काम करने वाली लड़की को प्रताड़ित करने तथा उसे अवैध तरीके से बंधक बनाए जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
इससे पहले, पुलिस ने अदालत में कहा कि उसे महिला से और पूछताछ करने की जरूरत नहीं है. आरोपी वंदना धीर को एक दिन की पुलिस हिरासत की अवधि पूरी होने पर अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार के समक्ष पेश किया गया. धीर के वकील ने दावा किया कि कथित पीड़ित मानसिक रूप से अस्थिर है.
अदालत ने महिला को 15 अक्तूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. धीर के वकील ने दलील दी कि लड़की के शरीर पर घाव के निशान उस समय से ही हैं जबसे वह नौकरानी के रूप में काम कर रही थी और उनकी मुवक्किल उसका लगातार इलाज करा रही थी.
उन्होंने कहा, ‘‘कृपया मेडिकल रिपोर्ट और लड़की का इलाज कर चुके डाक्टरों की राय देखें. वह मानसिक रुप से अस्थिर है.. प्लेंसमेंट एजेंसी ने कहा था कि वह एक आदिवासी इलाके से आती है और उसके शरीर पर घाव के निशान पहले से ही हैं. वह जून से मेरे घर में नौकरानी का काम कर रही थी और मैं अगस्त से उसका इलाज करा रहा हूं.’’ पुलिस ने उनके दावों का विरोध करते हुये कहा कि लड़की के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान हैं. पुलिस के अनुसार पीड़ित ने खुद ही कहा था कि उसे घर में बंधक बना कर रखा गया था और उसकी लगातार पिटाई की जाती थी.
अदालत द्वारा पुलिस से पीड़ित की उम्र के बारे में पूछे जाने पर जांच अधिकारी ने कहा कि डाक्टरों के अनुसार वह 18 से 20 साल के बीच की है लेकिन वास्तविक उम्र का पता लगाने के लिए कल उसकी हड्डी जांच करायी जाएगी. जांच अधिकारी ने कहा कि उन्हें उस प्लेंसमेंट एजेंसी का कागज मिला है जहां से लड़की को काम के लिए लाया गया था.
उन्होंने कहा कि एजेंसी का पता और अन्य तथ्यों की जांच करायी जाएगी. पीड़ित झारखंड की रहने वाली है और उसे धीर के वसंत कुंज स्थित घर से बचाया गया था. वहां वह नौकरानी के रूप में काम करती थी. उसे इलाज के लिये सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
लड़की गंभीर रूप से जख्मी थी और गैर सरकारी संगठन ‘‘शक्ति वाहिनी’’ और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम ने 30 सितंबर की शाम धीर के निवास के भूतल से उसे बचाया था. एनजीओ के अध्यक्ष रविकांत ने अदालत में कहा कि पीड़ित के शरीर पर कटे के कई निशान थे. उन्होंने कहा कि अदालत को उन मेडिकल रिपोर्टों पर गौर करना चाहिए जिनसे साफ तौर पर स्थापित होता है कि आरोपी द्वारा उसे निर्मम तरीके से पीटा जाता था और प्रताड़ित किया जाता था.
दिल्ली गये फुलिन के परिजन
पतना. दिल्ली में बंधक बनायी गयी प्रखंड के बड़तल्ला पंचायत के अठगांवा गांव की फुलिन मुमरू को वापस लाने के लिए पतना प्रखंड प्रशासन ने पीड़िता फुलिन मुमरू की मां सूरज किस्कू, ग्रामीण वासुदेव गोराई को श्रम प्रवर्तक पदाधिकारी फणीभूषण प्रमाणिक के नेतृत्व में फरक्का एक्सप्रेस से बुधवार को दिल्ली भेजा गया.
पीड़िता फुलिन मुमरू की मां सूरज किस्कू ने बताया कि चार वर्ष पूर्व प्रखंड के तालझारी गांव के एक युवक ने दिल्ली में काम दिलाने की बात कह कर मेरी बेटी को दिल्ली ले गया था. उसके बाद से आज तक मेरी बेटी गांव नहीं आयी है. यह कहते हुए वह रो पड़ी. बताया कि काम करने के एवज में चार साल में लगभग 20 हजार रुपये दिया गया है.
जांच के लिए लिए टीम गठित
रांची: दिल्ली में साहेबगंज की एक बच्ची के साथ घरेलू काम करवाने के नाम पर कैद पर पीटने के मामले में सीआइडी की अधिकारियों की एक जांच टीम गठित हुई है. टीम सीआइडी डीएसपी लगनू हंस के नेतृत्व में गठित हुई है. उनके साथ दीया सेवा संस्थान के बैजनाथ कुमार के अलावा सीआइडी के अन्य अधिकारी शामिल है. जिसके लाने के लिए बैजनाथ कुमार डीएसपी सहित अन्य लोगों के साथ बुधवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गये हैं.