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झारखंड के 57.6 % बच्चे पढ़ते हैं ट्यूशन, स्मार्ट फोन उपयोग करने वालों की संख्या भी बढ़ी- रिपोर्ट

देश भर में ट्यूशन लेने वाले बच्चों की संख्या बढ़ गयी है इस मामले में झारखंड भी पीछे नहीं है और आधे से ज्यादा बच्चे राज्य में ट्यूशन लेते हैं, इसमें उन लोगों के बच्चे सबसे ज्यादा हैं जिन लोगों के बच्चों के माता पिता कम पढ़े हैं, साथ ही राज्य में स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी बढ़ी है

Jharkhand News, Ranchi News रांची : देश भर में ट्यूशन पढ़नेवाले बच्चों की संख्या बढ़ी है. वर्ष 2018 से 2021 के बीच ट्यूशन पढ़नेवाले बच्चे 28.6 फीसदी से बढ़कर 39.2 फीसदी हो गये. राष्ट्रीय स्तर पर इस दौरान ट्यूशन पढ़नेवाले बच्चों की संख्या में 10.5% की वृद्धि हुई. झारखंड में ट्यूशन पढ़नेवाले राष्ट्रीय औसत से अधिक तेजी से बढ़े हैं. इस दौरान झारखंड में ट्यूशन पढ़नेवाले बच्चों की संख्या में 13.5% की वृद्धि हुई है.

इसका खुलासा ऐनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट असर 2021 में हुआ है. रिपोर्ट बुधवार को जारी किया गया. राज्य में ग्रामीण क्षेत्र में घरों में स्मार्ट फोन भी तेजी से बढ़ा है. वर्ष 2018 में झारखंड में 20.1% परिवार के पास स्मार्ट फोन था, जो वर्ष 2021 में बढ़कर 60.2% हो गया है. सर्वे झारखंड समेत देश के 25 राज्य व तीन केंद्र शासित प्रदेश में किया गया.

सर्वे में पांच से 16 वर्ष के आयु वर्ग के 75234 बच्चों को शामिल किया गया था. झारखंड के 24 जिलाें के 2535 बच्चों को सर्वे में शामिल किया गया है. सर्वे राज्य के 716 गांव के 1881 घरों में किया गया. सर्वे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के बीच किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में झारखंड में 44.1 फीसदी बच्चे ट्यूशन पढ़ते तो वहीं वर्ष 2021 में यह बढ़कर 57.5 फीसदी हो गया.

कम शिक्षित अभिभावक के बच्चे अधिक पढ़ते ट्यूशन :

रिपोर्ट के अनुसार वैसे बच्चे जिनके माता-पिता कम पढ़े-लिखे हैं उनके बच्चे अधिक ट्यूशन पढ़ रहे हैं. वैसे बच्चे जिनके माता-पिता प्राथमिक कक्षा या उससे भी कम पढ़े-लिखे हैं उनमें ट्यूशन पढ़ने में 12% की वृद्धि हुई है. जबकि कक्षा नौ व उससे अधिक पढ़े-लिखे अभिभावक के बच्चों के ट्यूशन पढ़ने में 7.2% की बढ़ोतरी हुई है.

39.7% बच्चे स्मार्ट फोन से दूर :

राज्य के 60% परिवार के पास स्मार्टफोन तो है पर इसमें से 39.7% बच्चे इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं. वैसे बच्चे जिनके अभिभावक कक्षा नौ या उससे अधिक पढ़े हैं. वैसे 80% परिवार के पास व जिनके अभिभावक प्राथमिक कक्षा या उससे कम पढ़े हैं. वैसे 50% परिवार के पास स्मार्ट फोन है.

60% बच्चों को मिलता है अभिभावकों का सहयोग

कोरोना काल में झारखंड के 60.3 फीसदी बच्चों को घर पर पढ़ाई में अभिभावक का सहयोग मिला. निजी स्कूल के बच्चों को सरकारी स्कूल की तुलना में अभिभावक का अधिक सहयोग मिलता है. वर्तमान में विद्यालय खुलने के साथ इसमें कमी भी आयी है.

ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चे (प्रतिशत में)

पश्चिम बंगाल

76.5

बिहार

73.5

झारखंड

57.6

उत्तर प्रदेश

38.7

उत्तराखंड

32.1

छत्तीसगढ़

12.5

सरकारी स्कूलों में बढ़ रहा है नामांकन

सरकारी विद्यालयों में वर्ष 2018 के बाद से नामांकन बढ़ रहा है. निजी स्कूलों में वर्ष 2018 की तुलना में नामांकन 32.5 से घटकर 24.4 % हो गया है. झारखंड में वर्ष 2020 की तुलना में सरकारी विद्यालयों में नामांकन 72.1 से बढ़कर 78.6 हो गया है.

स्मार्ट फोनवाले परिवार (प्रतिशत में)

छत्तीसगढ़

81.6

75.6

उत्तराखंड

60.2

झारखंड

58.9

उत्तर प्रदेश

58.4

पश्चिम बंगाल

54.4

बिहार

सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चे (प्रतिशत में)

91.8

पश्चिम बंगाल

80.5

बिहार

78.6

झारखंड

छत्तीसगढ़

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