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कालाबजारी और मंहगाई पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय खाद्य आपूर्ति सचिव ने राज्यों को लिखा पत्र, दिया ये निर्देश

कुछ लोग इस संकट की घड़ी में भी इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं और इसकी कालाबाजारी शुरू हो गयी है. अफरा-तफरी में लोग इनका स्टॉक भी बनाने लगे हैं. इससे इनकी कीमतें बढ़ रही हैं. आवश्यक खाद्य वस्तुओं की जमाखोरी और सशंकित होकर की जा रही खरीदारी से इनकी भी कीमतें बढ़ने लगी हैं. इसे देखते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की अपर सचिव निधि खरे ने आवश्यक वस्तुओं व दवाओं के स्टॉक पर नजर रखने का निर्देश दिया है.

Jharkhand News, Coronavirus Update Jharkhand, Inflation in jharkhand रांची : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर लोग सतर्कता बरत रहे हैं. वायरस से बचने के लिए लोगों ने हैंड सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग शुरू कर दिया है. पिछले दस दिनों में राजधानी में इनकी मांग इतनी बढ़ गयी है कि मेडिकल स्टोर में इनकी कमी हो गयी है. सर्जिकल आयटम में पल्स ऑक्सिमीटर, स्टीम वेपोराजर और थर्मामीटर का संकट थोक बाजार में दिखने लगा है. जरूरी दवाओं की भी कमी दिखने लगी है.

कुछ लोग इस संकट की घड़ी में भी इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं और इसकी कालाबाजारी शुरू हो गयी है. अफरा-तफरी में लोग इनका स्टॉक भी बनाने लगे हैं. इससे इनकी कीमतें बढ़ रही हैं. आवश्यक खाद्य वस्तुओं की जमाखोरी और सशंकित होकर की जा रही खरीदारी से इनकी भी कीमतें बढ़ने लगी हैं. इसे देखते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की अपर सचिव निधि खरे ने आवश्यक वस्तुओं व दवाओं के स्टॉक पर नजर रखने का निर्देश दिया है.

उन्होंने राज्यों के उपभोक्ता मामलों के सचिवों को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन की आशंका से लोग आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक करना शुरू कर सकते हैं. इस कारण आवश्यक वस्तुओं की मांग और आपूर्ति की चेन बिगड़ सकती है. उन्होंने लिखा है कि खाने-पीने की चीजें व दवाओं की उपलब्धता में कोई अड़चन नहीं आये, इसलिए ध्यान रखना जरूरी है.

यह भी ध्यान रखना है कि किसी भी हालत में आवश्यक वस्तुओं की कीमत में इजाफा न हो. खाद्य-आपूर्ति, फूड सेफ्टी, स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के लोगों को मिला कर एक संयुक्त टीम भी बनानी चाहिए, जो आवश्यक वस्तुओं की मांग और सप्लाई पर विशेष नजर रखे.

श्रीमती खरे ने यह भी सुझाव दिया है कि ऐसे हालात में जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को यह समझाना बेहद जरूरी है कि आवश्यक वस्तु की उपलब्धता में कोई कमी नहीं आयेगी, इसलिए बेवजह लोग आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक करने से बचें. उन्होंने उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए सभी राज्यों में हेल्पलाइन भी स्थापित करने का सुझाव दिया है, ताकि किसी तरह का संदेश होने पर लोगों को सही जानकारी मिल सके.

डेढ़ माह में 25% तक महंगा हुआ सरसों तेल

पिछले 40 से 45 दिनों में तेल, रिफाइंड से लेकर दाल, चीनी जैसी रोजमर्रा की चीजों की कीमतें बढ़ी हैं. थोक से लेकर खुदरा बाजार तक में कीमतों में 18-25% की वृद्धि देखी जा रही है. तेल रिफाइन की कीमत में 18-25% की वृद्धि हुई है, जबकि दाल में 10-12%की वृद्धि है. कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिव अभिषेक आनंद ने बताया कि दो महीने में सरसों तेल में वृद्धि हुई है. कीमतें बढ़ने का एक कारण ट्रांसपोर्टिंग और लेबर की समस्या भी है. सबसे ज्यादा सरसों तेल में तेजी देखी जा रही है. इसकी कीमत प्रति लीटर 30 से 40 रुपये तक बढ़ी है.

सामान फरवरी रेट अप्रैल रेट

अरहर दाल 95 110

उरद दाल 96 110

मूंग दाल 93 110

मसूर दाल 70 80

चीनी 38 40-42

सलोनी सरसों तेल 122 165-170

इंजन सरसों तेल 153 180-185

हाथी सरसों तेल 130-132 165-170

पतंजलि सरसों तेल 135 155

फॉर्च्यून रिफाइन 135 160

सोया पाम ऑयल 100 120

(कीमत प्रति किलो/ रुपये में)

Posted By : Sameer Oraon

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