रांची. पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में बुधवार की शाम डीजीपी अनुराग गुप्ता की अध्यक्षता में 23वीं तटवर्ती सुरक्षा समन्वय समिति की बैठक हुई. इसमें ओएनजीसी, आइओसीएल एवं गेल सहित विभिन्न प्रतिष्ठानों में समस्या, समाधान एवं आपसी समन्वय को लेकर चर्चा की गयी. ओएनजीसी, आइओसीएल एवं गेल के अधिकारियों व स्थानीय पदाधिकारियों द्वारा कार्य करने में आ रही समस्याओं को रखा गया. ऑपरेशन एरिया में आ रही समस्याओं को पुलिस एवं स्थानीय ग्रामीणों से समन्वय स्थापित कर हल करने पर जोर दिया गया. इस पर डीजीपी ने आपस में लगातार सूचनाओं का आदान-प्रदान करने पर बल दिया, ताकि छोटी से छोटी समस्या का तत्काल समाधान किया जा सके. डीजीपी ने पीएसयू के अधिकारियों को अपने कार्य क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी कैमरा, जीपीएस मॉनिटरिंग सिस्टम सहित अन्य तकनीकों का उपयोग करने का निर्देश दिया. सभी प्रतिष्ठानों की समस्या वाली जगहों को हॉट स्पॉट के रूप में चिह्नित करने की बात कही. इसके अलावा डिपो, टर्मिनल व आसपास स्थित ढाबा पर निगरानी रखने को कहा. उन्होंने जिलों के एसपी को पीएसयू से संबंधित घटनाओं को लेकर दर्ज केस में आपराधिक गिरोह पर कठोर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया. ऐसे मामलों में इंटरस्टेट गिरोह से जुड़े अपराधियों को चिह्नित कर उनकी संपत्ति जब्त करने, पीएसयू के महत्वपूर्ण इलाके को चिह्नित कर नो ड्रोन फ्लाई जोन घोषित करने का भी निर्देश दिया. डीजीपी ने कहा है कि आने वाले नये प्रोजेक्ट हेतु भूमि अधिग्रहण, विधि-व्यवस्था एवं पाइपलाइन से तेल चोरी के इंटरस्टेट गिरोह से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान संबंधित जिला के एसपी के साथ-साथ पुलिस मुख्यालय के नोडल पदाधिकारी से भी किया जाये. बैठक में अजय दीक्षित, एस मजुमदार, सौरभ तोलंबिया, टीआर उन्नीकृष्णन नायर, एडीजी अभियान डॉ संजय आनंद राव लाटकर, आइजी अभियान एवी होमकर और आइजी स्पेशल ब्रांच प्रभात कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
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