चेंबर अध्यक्ष ने कहा कि बोकारो, जमशेदपुर, गिरिडीह, धनबाद, गुमला, लोहरदगा, पाकुड़, खूंटी, देवघर, गोड्डा, साहेबगंज, पलामू सहित सभी जिलों में 10 से 12 घंटे बिजली मिल रही है. वर्तमान में गिरिडीह में एक विशिष्ट फीडर एवं एक से दो विशिष्ट उद्योग को छोड़ दिया जाये, तो गिरिडीह के बाकी शहर, उपनगरीय क्षेत्र में बमुश्किल हर दिन आठ से 10 घंटे, वह भी किस्तों में बिजली उपलब्ध हो रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में महीने भर में 100-150 घंटे बिजली मुश्किल से मिल रही है. कब, कितनी और किस क्वालिटी की बिजली मिलेगी, इसकी कोई जवाबदेही होगी या नहीं, इस पर संशय है. कई जिलों में लगभग 75 प्रतिशत ट्रांसफॉर्मर में एबी स्विच नहीं लगाया गया है. इस कारण ट्रांसफॉर्मर के मामूली फॉल्ट के लिए भी शटडाउन लिया जाता है.
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बिजली की दयनीय स्थिति पर झारखंड चेंबर अध्यक्ष ने कहा, बिजली के बिना उद्योग कैसे चलायें
रांची : रांची समेत पूरे झारखंड में बिजली की दयनीय स्थिति पर झारखंड चेंबर ने नाराजगी जाहिर की है. चेंबर अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि बिजली की दयनीय स्थिति के कारण छोटे-बड़े उद्योगपतियों के लिए उद्योग चलना मुश्किल हो रहा है. चेंबर अध्यक्ष ने कहा कि बोकारो, जमशेदपुर, […]
रांची : रांची समेत पूरे झारखंड में बिजली की दयनीय स्थिति पर झारखंड चेंबर ने नाराजगी जाहिर की है. चेंबर अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि बिजली की दयनीय स्थिति के कारण छोटे-बड़े उद्योगपतियों के लिए उद्योग चलना मुश्किल हो रहा है.
चेंबर अध्यक्ष ने कहा कि बोकारो, जमशेदपुर, गिरिडीह, धनबाद, गुमला, लोहरदगा, पाकुड़, खूंटी, देवघर, गोड्डा, साहेबगंज, पलामू सहित सभी जिलों में 10 से 12 घंटे बिजली मिल रही है. वर्तमान में गिरिडीह में एक विशिष्ट फीडर एवं एक से दो विशिष्ट उद्योग को छोड़ दिया जाये, तो गिरिडीह के बाकी शहर, उपनगरीय क्षेत्र में बमुश्किल हर दिन आठ से 10 घंटे, वह भी किस्तों में बिजली उपलब्ध हो रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में महीने भर में 100-150 घंटे बिजली मुश्किल से मिल रही है. कब, कितनी और किस क्वालिटी की बिजली मिलेगी, इसकी कोई जवाबदेही होगी या नहीं, इस पर संशय है. कई जिलों में लगभग 75 प्रतिशत ट्रांसफॉर्मर में एबी स्विच नहीं लगाया गया है. इस कारण ट्रांसफॉर्मर के मामूली फॉल्ट के लिए भी शटडाउन लिया जाता है.
किस हिसाब से खरीद रहे बिजली : महासचिव रंजीत गाड़ोदिया ने कहा कि निजी क्षेत्र में बिजली का उत्पादन अपने आप में सरप्लस है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के बयानों व विज्ञापनों के अनुसार सेंट्रल पावर ग्रिड में 2.33 रुपये की दर पर बिजली उपलब्ध है. डीवीसी की वेबसाइट पर भी इसका उल्लेख है, तो किस स्थिति में जेबीवीएनएल पांच रुपये की दर पर डीवीसी से बिजली खरीदता है. जबकि उसके कई पावर प्लांट झारखंड की जमीन पर यहीं के जल व कोयले पर निर्भर है.
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