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रिम्स को चाहिए 831 नर्सें पर 413 से चल रहा काम
रांची : रिम्स की मेट्रॉन फ्लोरेंस आरोहन ने बताया कि नर्सों की कमी के कारण मरीजों को बेहतर सेवा देने में आ रही परेशानी से रिम्स प्रबंधन को अवगत कराया जा चुका है. मेट्रॉन ने प्रबंधन को विभागवार सूची सौंपी है, जिसमें वार्ड में नर्सों की आवश्यकता का ब्योरा दिया गया है. इसमें बताया गया […]
रांची : रिम्स की मेट्रॉन फ्लोरेंस आरोहन ने बताया कि नर्सों की कमी के कारण मरीजों को बेहतर सेवा देने में आ रही परेशानी से रिम्स प्रबंधन को अवगत कराया जा चुका है. मेट्रॉन ने प्रबंधन को विभागवार सूची सौंपी है, जिसमें वार्ड में नर्सों की आवश्यकता का ब्योरा दिया गया है.
इसमें बताया गया है कि महत्वपूर्ण वार्ड जैसे: कार्डियाेलॉजी आइसीयू, न्यूराे आइसीयू, मेडिसिन आइसीयू, लेबल रूम, सर्जरी आइसीयू,
इमरजेंसी आदि में एनआइसी के मानकों के हिसाब से नर्सों की भारी कमी है. ऐसे में एक या दो सीनियर नर्सों के भरोसे पूरा वार्ड रहता है. उधर, निजी अस्पतालों में एक मरीज के देखभाल के लिए एक नर्स रहती है. इन्हीं के दम पर निजी अस्पताल परिजनों काे मरीज की बेहतर देखभाल का भरोसा देते हैं.
40 मरीजों पर एक नर्स
रिम्स में एक वार्ड में करीब 40 मरीज भरती रहते हैं, जिनकी देखभाल का जिम्मा औसतन एक नर्स पर रहता है. सीनियर नर्स के सहयोग के लिए रिम्स नर्सिंग की छात्राएं व निजी नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं सहयोग करती हैं. कई बार नर्सों के परीक्षा व अन्य कारणों से नहीं आने पर सीनियर नर्सों को परेशानी होती है.
नर्सों की कमी और उनकी आवश्यकता का पूरा ब्योरा स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है. सरकार द्वारा पद सृजन कर भेजने के बाद नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. नर्सिंग को दुरुस्त करना हमारी प्राथमिकता में है.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक रिम्स
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