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3000 करोड़ के मुआवजा घोटाले में होगी कार्रवाई
रांची : हजारीबाग के पकरी-बरवाडीह में सरकारी जमीन पर कब्जा दिखा कर मुआवजा लेने के मामले में भू-राजस्व व निबंधन विभाग ने हजारीबाग के डीसी को दोषी लोगों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. विभाग ने डीसी को रिटायर्ड आइएएस अधिकारी देवाशीष गुप्ता की उस रिपोर्ट की प्रति भी भेजी है, जिसमें उन्होंने मुआवजा […]
रांची : हजारीबाग के पकरी-बरवाडीह में सरकारी जमीन पर कब्जा दिखा कर मुआवजा लेने के मामले में भू-राजस्व व निबंधन विभाग ने हजारीबाग के डीसी को दोषी लोगों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. विभाग ने डीसी को रिटायर्ड आइएएस अधिकारी देवाशीष गुप्ता की उस रिपोर्ट की प्रति भी भेजी है, जिसमें उन्होंने मुआवजा घोटाला 3000 करोड़ रुपये तक होने की आशंका जतायी है. प्रभात खबर ने 11 और 12 फरवरी को इससे संबंधित रिपोर्ट प्रकाशित की थी.
नियम िवरुद्ध जारी हुए थे आदेश : देवाशीष गुप्ता की रिपोर्ट में कहा गया है कि एनटीपीसी की परियोजना के लिए जमीन के बदले बांटे गये मुआवजे में गड़बड़ी हुई है. अलग-अलग लोगों ने फरजी दस्तावेज दिखा एनटीपीसी से 3000 करोड़ मुआवजा ले लिया है.
देवाशीष गुप्ता ने अपनी रिपोर्ट में उन आदेशों को वापस लेने की अनुशंसा की है, जो राजस्व नियमों के विपरीत जारी किये गये थे.
2004 से ही गड़बड़ी : रिपोर्ट के मुताबिक 2004 से गड़बड़ी की शुरुआत हुई, जब एनटीपीसी को वहां कोल ब्लॉक आवंटित किया गया. रिपोर्ट में यह सवाल भी उठाया गया है कि 2009 से 2015 के बीच बड़कागांव सीओ कार्यालय में 11 सीओ की पोस्टिंग की गयी. सिर्फ एक सीओ का कार्यकाल साल भर से अधिक का रहा, जो अब दूसरे प्रखंड में पदस्थापित हैं, जहां एनटीपीसी के अन्य कोल प्रोजेक्ट का काम चल रहा है. इसी सीओ ने बड़ी संख्या में लाभुकों की सूची का सत्यापन किया. 26 अगस्त 2016 को सीओ ने जांच कमेटी के समक्ष उपस्थित होकर कहा कि उसने कभी भी किसी जमीन का स्थल निरीक्षण नहीं किया. एनटीपीसी की ओर से उपलब्ध करायी जानेवाली सूची पर दस्तखत करते थे. ऐसे करने के लिए उन पर वरीय अधिकारियों का दबाव था. इस तरह बड़कागांव सीओ कार्यालय ने पोस्टऑफिस की तरह काम किया.
तत्कालीन डीसी की रिपोर्ट के अंश
– पकरी-बरवाडीह कोयला खनन परियोजना के लिए अधिग्रहीत गैर मजरुआ जमीन का मुआवजा प्राप्त करने के लिए अवैध जमाबंदी कर दखल-कब्जा दिखाया गया
– ग्राम लंगातु में सक्षम पदाधिकारी की जांच के बिना जमाबंदी कायम कर रसीद निर्गत की गयी. जबकि भूमि पर उन व्यक्तियों का दखल-कब्जा था, जोत-कब्जा नहीं.
– जांच के दौरान लंगातु गांव के ग्रामीणों ने टंडवा के व्यक्तियों के नाम जमाबंदी कायम कर दखल-कब्जा दिखाने को गलत बताया
देवाशीष गुप्ता की रिपोर्ट की खास बातें सरकार के स्तर पर नियमों का उल्लंघन करते हुए कई कार्यपालक आदेश जारी किये गये
सरकार के स्तर पर कोई आदमी इस स्थिति में नहीं है, जो यह बता सके कि जमीन के संबंध में रजिस्टर में जो इंट्री की गयी है, वह सही है या नहीं.
रजिस्टर-दो में सिर्फ जमींदारी के सामान्य कागजात के आधार पर नाम की इंट्री कर ली गयी. बहुत सारी जमीन जो खतियान में जंगल-झाड़ी के रूप में दर्ज है, उसे भी लोगों ने अपने नाम पर दिखा दिया जंगल में खासमहल की भूमि की बंदोबस्ती संदेहास्पद है
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