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बिहार नहीं, दिल्ली-मुंबई जोन में ट्रेन में सबसे अधिक बेटिकट यात्री करते हैं सफर

नयी दिल्ली : रेलवे में बेटिकट यात्रा करना भारत में आम बात है. लोग सामान्यत: आदतन बेटिकट या बिना वाजिब टिकट लिये यात्रा करते हैं. हालांकि बेटिकट यात्रा करने वालों में अल्प प्रतिशत वैसे लोगों का भी है, जो टिकट काउंटर पर लंबी कतार होने व ट्रेन छूट जाने के द्वंद्व में फंस कर भी […]

नयी दिल्ली : रेलवे में बेटिकट यात्रा करना भारत में आम बात है. लोग सामान्यत: आदतन बेटिकट या बिना वाजिब टिकट लिये यात्रा करते हैं. हालांकि बेटिकट यात्रा करने वालों में अल्प प्रतिशत वैसे लोगों का भी है, जो टिकट काउंटर पर लंबी कतार होने व ट्रेन छूट जाने के द्वंद्व में फंस कर भी बेटिकट ट्रेन पर चढ़ जाते हैं, क्योंकि जुर्माना भरकर भी उनके लिए गंतव्य तक पहुंचना अधिक जरूरी होता है. धारणा है कि पूर्वांचल में जिसमें बिहार, पूर्वी उत्तरप्रदेश व झारखंड जैसे राज्य-क्षेत्र आते हैं, वहीं लोग बेटिकट यात्रा करते हैं. लेकिन आंकड़ेसचके कुछ और होने का प्रमाण देते हैं. आंकड़े बताते हैं कि बेटिकट यात्रा करने वालों की संख्या नार्दर्न जोन में सबसे ज्यादा है. इसके बाद दूसरे व तीसरे नंबर पर क्रमश: साउथ सेंट्रल जोन और सेंट्रल जोन हैं. ये देश के महानगरीय,नगरीय व आर्थिक रूप से संपन्न इलाके हैं.

डाटा विश्लेषणकर स्टोरी करने वाली वेबसाइट फेक्टली डॉट इन ने इस संबंध में रेलवे के आंकड़ों के हवाले से खबर दी है. आंकड़ों के अनुसार, 2015-16 में लगभग 1.9 करोड़ यात्री बिना टिकट या बिना उचित टिकट के पकड़े गये. हालांकि यहसंख्या इस वित्तवर्ष में रेल से यात्रा करने वाले कुल पैसेंजर के आधे प्रतिशत से भी कम है. पर, इस आंकड़े में नार्दर्नजोन टॉप पर है. यहां इस वित्त वर्ष में 24.86 लाख लोग बिना टिकट या बिना उचित टिकट के पकड़े गये. इसके बाद दूसरे नंबर पर साउथ सेंट्रल जोन है, जहां 24.43 लाख लोग व सेंट्रल जोन में 22.48 लाख लोग एवं वेस्टर्न जोन में 20.28 लाख लोग बिना टिकट पकड़े गये. इन चार जोन में 16 जोन का लगभग आधा यानी 47 प्रतिशत के आसपास यात्री बिना टिकट या बिना उचित टिकट पकड़े गये.

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ऐसा भी नहीं है कि इन चार या तीन जोन के ये आंकड़े इसी वित्त वर्ष में ऊपर रहे, बल्कि उसके पूर्व के वित्तीय वर्षों में व उसके बाद के वित्तीय वर्षों में भी यहां के आंकड़े ऊपर रहे. हाल में संपन्न हुए वित्त वर्ष 2016-17 के मार्च महीने को छोड़ दें तो फरवरी तक के आंकड़े में भी ये जोन ऊपर हैं.

इन चार जोन में तीन के मुख्यालय देश के दो सबसे बड़े शहर दिल्ली व मुंबई में हैं. दिल्ली में नार्दर्न रेलवे का मुख्यालय है, जबकि मुंबई में सेंट्रल जोन व वेस्टर्न रेलवे जोन का मुख्यालय है. वहीं, साउथ सेंट्रल जोन का मुख्यालय सिकंदराबाद में है.

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2015-16 व 2016-17 में बेटिकट यात्रियों से 800 करोड़ रुपये संग्रहित किये गये. इस दौरान एक बेटिकट यात्री से औसतन 450 रुपये का जुर्माना वसूला गया. हालांकि सरकार बेटिकट यात्रा करने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए कई तरह के कदम उठा रही है. इसके लिए लोगों के बीच जागरूकता लाना, राष्ट्रनिर्माण व राष्ट्रीय संपत्ति को संवारने में उनके योगदान का उन्हें अहसास कराया जाता है. इंटेंसिव चेक पोस्ट की स्थापना, आटोमेटेड गेट बेस्ड टिकट चेकिंग सिस्टम की स्थापना, बेटिकटों की धरपकड़ के लिए मजिस्ट्रेट व आरपीएफ के साथ सघन अभियान चलाने जैसी पहल की जा रही है.

नार्दन जोन में आने वाले डिवीजन : अंबाला, फिरोजपुर, मुरादाबाद, दिल्ली, लखनऊ.
साउथ सेंट्रल जोन में आने वाले डिवीजन : सिंकदराबाद, विजयवाड़ा, गुंटुर, हैदराबाद, गुंटकल.
सेंट्रल जोन : मुंबई, भुसावल, पुणे, सोलापुर, नागपुर.

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