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संताली की कॉपी जांचने के लिए नहीं मिले शिक्षक
हाल. 15 दिन से रांची के जिला स्कूल मूल्यांकन केंद्र पर पड़ी हैं नौ हजार कॉपी डीइओ ने विवि व कॉलेज के शिक्षकों से कॉपी जांच कराने की कही थी बात सुनील कुमार झा रांची : राज्य जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के लिए शिक्षक नहीं मिल रहे हैं. हाइस्कूल में इन भाषाओं […]
हाल. 15 दिन से रांची के जिला स्कूल मूल्यांकन केंद्र पर पड़ी हैं नौ हजार कॉपी
डीइओ ने विवि व कॉलेज के शिक्षकों से कॉपी जांच कराने की कही थी बात
सुनील कुमार झा
रांची : राज्य जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के लिए शिक्षक नहीं मिल रहे हैं. हाइस्कूल में इन भाषाओं की शिक्षकों की कमी के कारण विवि के शिक्षकों से उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन कराने का निर्णय लिया गया था.
पर विवि व कॉलेजों से भी सभी जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के लिए अब तक शिक्षक नहीं मिल पाये. आलम यह है कि मैट्रिक की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन कार्य अंतिम चरण में हैं. वहीं संताली व पंचपरगनिया भाषा की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के लिए अब तक परीक्षक नहीं मिले हैं. इन दाेनों विषयों की कॉपी अब तक मूल्यांकन केंद्र पर ही पड़ी है.
जिला स्कूल रांची में मैट्रिक की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य चल रहा है. 12 अप्रैल से सभी विषयों की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कार्य चल रहा है. जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की कॉपी भी 15 दिन पहले मूल्यांकन केंद्र पर पहुंच गयी थी, पर अब तक सभी जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की कॉपियों की जांच शुरू नहीं हुई है. केंद्र पर संताली भाषा की 9,777 व पंचपरगनिया भाषा की 807 कॉपी है. इन उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन समय पर पूरा नहीं होने से मैट्रिक के रिजल्ट प्रकाशन में भी विलंब हो सकता है.
केंद्र निदेशक ने भेजा रिमाइंडर
जिला स्कूल के प्राचार्य सह केंद्र निदेशक नरेंद्र कुमार ने इस संबंध में जैक को रिमाइंडर भेजा है. केंद्र निदेशक द्वारा पूर्व में भी जैक व जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजा गया था.
इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के लिए विवि व कॉलेज के शिक्षकों से सहयोग लेने की बात कही थी. कुछ विषय में परीक्षकों की प्रतिनियुक्ति भी की गयी, पर संताली व पंचपरगनिया भाषा के लिए परीक्षक प्रतिनियुक्त नहीं हो सके. केंद्र पर हो भाषा की भी 4, 612 कॉपी है. इसके मूल्यांकन के लिए मात्र एक परीक्षक हैं. एक परीक्षक को प्रतिदिन 40 उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन करना है. ऐसे में हो भाषा की कॉपी की जांच में महीनों लग जायेगा. अब केंद्र निदेशक द्वारा एक बार फिर से जैक को इस संबंध में पत्र भेजा गया है.
हाइस्कूल में नहीं है शिक्षक
राज्य में मैट्रिक की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन कार्य हाइस्कूल शिक्षकों द्वारा किया जाता है. हाइस्कूल में शिक्षकों के 23 हजार पद सृजित हैं, इसमें से 17 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं. जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षक काफी कम हैं. राज्य में संताली भाषा के मात्र 13 शिक्षक हैं, जबकि पंचपरगिनया भाषा के शिक्षक नहीं है. संताली भाषा के शिक्षक संताल परगना व कोल्हान प्रमंडल के स्कूलों में है. दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के स्कूलों में इन संताली भाषा के शिक्षक नहीं होने के कारण भी संताली भाषा की उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन में परेशानी हो रही है.
राज्य में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की कमी के कारण मूल्यांकन में परेशानी हो रही है. जिन विषयों की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन शुरू नहीं हुआ है, उसका भी मूल्यांकन समय पर पूरा करा लिया जायेगा. एक-दो भाषा को छोड़ सभी जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की कॉपी का मूल्यांकन कार्य शुरू है. जिन विषयों का मूल्यांकन शुरू नहीं हुआ, उन विषयों के परीक्षकाें की प्रतिनियुक्ति जल्द कर दी जायेगी.
डॉ अरविंद प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, जैक
संताली व पंचपरगनिया भाषा की कॉपी का मूल्यांकन अब तक शुरू नहीं हो सका है. इन दोनों विषय के लिए परीक्षक की प्रतिनियुक्ति नहीं हो सकी है. इस संबंध में जैक से दिशा-निर्देश मांगा गया है. जैक से दिशा-निर्देश प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
नरेंद्र कुमार, केंद्र निदेशक सह प्राचार्य जिला स्कूल
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