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ये नहीं पहनेंगे हेलमेट: न मौत का खौफ, न पुलिस की कार्रवाई का, पुलिस जो चाहे कर ले पर ये नहीं सुधरेंगे

जिला प्रशासन और रांची पुलिस ने इन दिनों यातायात नियमों का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. अभियान के केंद्र में बिना हेलमेट के बाइक चलानेवाले लोग हैं. वहीं, बिना लाइसेंस के गाड़ी चलानेवाले नाबालिगों को भी पकड़ा जा रहा है. मकसद है सड़क हादसों पर राेक लगाना. बुधवार को ‘प्रभात खबर’ की […]

जिला प्रशासन और रांची पुलिस ने इन दिनों यातायात नियमों का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. अभियान के केंद्र में बिना हेलमेट के बाइक चलानेवाले लोग हैं. वहीं, बिना लाइसेंस के गाड़ी चलानेवाले नाबालिगों को भी पकड़ा जा रहा है. मकसद है सड़क हादसों पर राेक लगाना. बुधवार को ‘प्रभात खबर’ की टीम ने शहर की सड़कों का जायजा लिया, लेकिन जांच अभियान का असर होता नहीं दिखा. सड़क पर बड़ी संख्या में ऐसे लोग दिखे, जो बिना हेलमेट के बाइक चला रहे थे. खास बात यह रही कि इनमें युवाओं और नाबालिगों की संख्या अधिक थी. बाइक चलाने का इनका अंदाज भी ऐसा था, मानो वे कह रहे हों, ‘पुलिस चाहे जो भी कर ले, हम नहीं सुधरेंगे.’

रांची : शहर में रोजाना बाइक सवारों के साथ सड़क हादसे होते रहते हैं. इन हादसों का शिकार होनेवालों युवाओं और नाबालिगों की तादाद ज्यादा होती है. यह हाल तब है जब शहर की यातायात पुलिस और गैर सरकारी संगठन समय-समय पर अभियान चलाकर लाेगों को यातायात नियमों का पालन करने, हेलमेट पहनने और सीटबेल्ट लगाने के लिए जागरूक करते रहते हैं.

जाहिर है कि मौजूदा समय में जिला प्रशासन और जिला पुलिस द्वारा चलाया जा रहा अभियान भी लोगों को जागरूक करने के लिए, न कि जुर्माने के रूप में राजस्व वसूलने के लिए. बाइक चलानेवाले युवाओं को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक करने के जिम्मेवारी उनके अभिभावकों की भी है. ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को इसके लिए जागरूक करते भी है, लेकिन नयी उम्र के युवा फैशन और मस्ती के चक्कर में हेलमेट पहनने में अपनी तौहीन समझते हैं. यही वजह है कि घर से बाइक के साथ हेलमेट लेकर निकलनेवाले छात्र या युवा रोड पर आते ही यातायात के सारे नियम ताक पर रख देते हैं. हेलमेट या तो उनके हाथ में या बाइक के हैंडल पर टंग जाता है. इसके बाद शुरू होती है रफ्तार का खेल. एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में ये युवा बाइक सावार या तो सड़क चलते लोगों को धक्का मारते हुए आगे निकल जाते हैं या खुद को मौत के मुंह में झोंक देते हैं. चौक-चौराहे पर जहां ट्रैफिक पुलिस तैनात रहती है, वहां पहुंचने के पहले युवा हेलमेट पहन लेते हैं. एक ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार जिला प्रशासन या ट्रैफिक पुलिस कितना भी प्रयास कर ले, लेकिन रांची के लोगों को नहीं सुधार सकती. जब तक लोगों में सिविक सेंस नहीं आयेगा, तब तक डंडे से किसी को सुधारा नहीं जा सकता.
बुधवार को कई स्थानाें पर चला जांच अभियान
बुधवार को भी ट्रैफिक पुलिस ने कई स्थानों पर चेकिंग अभियान चलाया. कई जगह बिना हेलमेट के नाबालिग छात्र-छात्राओं को भी पकड़ा गया. पुरुलिया रोड के मिशन चौक पर एक अंडर ऐज कार चला रही लड़की ने भागने के क्रम में एक साइकिल सवार को धक्का मार दिया और भागने का प्रयास करने लगी, लेकिन ट्रैफिक पुलिस ने उसे पकड़ लिया. उस लड़की के अभिभावक को बुला कर पीआर बांड लिखवा कर और जुर्माना लेकर छोड़ा गया. ट्रैफिक डीएसपी राधा प्रेम किशोर ने बुधवार की शाम अरगोड़ा चौक पर चेकिंग अभियान चलाया. वहां अंडर ऐज सहित यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले अन्य वाहन चालकों के दस्तावेज की जांच की गयी. लगभग एक घंटे के अभियान में ट्रैफिक डीएसपी ने उस चौक से 22000 रुपये जुर्माना वसूला.
डेढ़ लाख रुपये जुर्माना वसूला गया
बुधवार को चले जांच अभियान में पुलिस ने यातायात का उल्लंघन करनेवाले 519 वाहन चालकों से एक लाख 52 हजार चार सौ रुपये जुर्माने के रूप में वसूले. इस दौरान आठ नाबालिगों को वाहन चलाते हुए पकड़ा गया. 258 लोग बिना हेलमेट के बाइक चलाते पकड़े गये, जबकि 43 लोगों को ट्रिपल राइडिंग करते हुए पकड़ा गया. वहीं 39 लोग बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाते पकड़े गये.

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