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जसवंत हत्याकांड के दो आरोपियों को जमानत
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने मंगलवार को जसवंत हत्याकांड के आरोपियों की अोर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की. आरोपियों को जमानत की सुविधा प्रदान कर दी. साथ ही याचिका को स्वीकार कर लिया. अदालत ने 10-10 हजार के दो निजी मुचलके पर दोनों को रिहा करने का […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने मंगलवार को जसवंत हत्याकांड के आरोपियों की अोर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की. आरोपियों को जमानत की सुविधा प्रदान कर दी. साथ ही याचिका को स्वीकार कर लिया. अदालत ने 10-10 हजार के दो निजी मुचलके पर दोनों को रिहा करने का निर्देश दिया. जसवंत सिंह एचइसी के श्रमिक नेता राणा संग्राम सिंह के पुत्र थे. प्रार्थी की अोर से वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने पैरवी की.
सूचक की अोर से वरीय अधिवक्ता बीएम त्रिपाठी व राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता शेखर सिन्हा ने पक्ष रखा. इस मामले के मुख्य आरोपी अमर सिंह की जमानत याचिका अदालत पहले ही खारिज कर चुकी है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी वंश नारायण सिंह व रणधीर सिंह ने जमानत याचिका दायर की थी. जानकारी के अनुसार धुर्वा थाना क्षेत्र के वीर कुंवर सिंह चौक के पास नौ अक्तूबर, 2015 को जसवंत सिंह को गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. जसवंत सिंह के भाई राणा प्रताप पर भी जानलेवा हमला हुआ था.
आरक्षण रोस्टर मामले में सुनवाई जारी
रांची. झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को प्राथमिक शिक्षकों के लिए निर्धारित जिला स्तरीय प्रोन्नति आरक्षण रोस्टर को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए याचिका को अमरेंद्र कुमार सिंह की याचिका के साथ टैग करने का निर्देश दिया. उस मामले में कोर्ट ने पूर्व में एससी व एसटी कैटेगरी के कर्मियों को प्रोन्नित में आरक्षण का लाभ देने पर रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी. प्रार्थी बीएल महतो व अन्य ने याचिका दायर की है. उन्होंने प्राथमिक शिक्षकों के लिए निर्धारित जिला स्तरीय प्रोन्नति आरक्षण रोस्टर को चुनाैती दी है.
परिषद को क्यों नहीं मिला फंड : कोर्ट
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को कोडरमा जिला परिषद को राशि नहीं देने को लेकर राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में याचिका पर सुनवाई की गयी.
अदालत ने पूछा कि कोडरमा जिला परिषद को विकास कार्यों के संचालन के लिए अब तक राशि क्यों नहीं दी गयी. शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा गया. अदालत ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता अमृतांश ने पक्ष रखा. बताया गया कि वर्ष 2016 में कोडरमा जिला परिषद का चुनाव संपन्न हुआ था. तब से अब तक विकास कार्यों के लिए परिषद को राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है. राशि के अभाव में योजनाएं लागू नहीं हो पा रही हैं.
बीसीआइ के खिलाफ सुनवाई के लिए याचिका स्वीकृत
रांची. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बार काउंसिल अॉफ इंडिया (बीसीआइ) के आदेश के खिलाफ दायर अपील याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया. जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षतावाली खंडपीठ में याचिका पर सुनवाई हुई. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राजकुमार ने अपील दायर की है.
उन्होंने बीसीआइ के आदेश को चुनाैती दी है. बीसीआइ ने झारखंड स्टेट बार काउंसिल की अनुशासनात्मक समिति के आदेश को खारिज कर दिया था. अनुशासनात्मक समिति ने झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार के लाइसेंस को रद्द कर दिया था. आदेश के खिलाफ अधिवक्ता श्री कुमार ने बीसीआइ में अपील दायर की थी. बीसीआइ ने लाइसेंस रद्द करने संबंधी राज्य बार काउंसिल के आदेश को खारिज कर दिया था.
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