7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सड़क दुर्घटना में हर साल मारे जाते है हजारों युवा, पढ़ें क्या हैं प्रमुख कारण…

रांची : कल शहर के हिनू इलाके में तीन लड़कों की मौत हो गयी. तीनों लड़कों ने 10वीं की परीक्षा दी थी. इनकी मौत से पूरा परिवार सकते में है, उनके घर का चिराग बुझ गया है. लेकिन इन तमाम बातों के बीच एक बात यह भी ध्यान देने वाली है किन कारणों से इन […]

रांची : कल शहर के हिनू इलाके में तीन लड़कों की मौत हो गयी. तीनों लड़कों ने 10वीं की परीक्षा दी थी. इनकी मौत से पूरा परिवार सकते में है, उनके घर का चिराग बुझ गया है. लेकिन इन तमाम बातों के बीच एक बात यह भी ध्यान देने वाली है किन कारणों से इन लड़कों की मौत हुई. पुलिस ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार तीनों लड़के एक ही बाइक पर सवार थे और तेज गति से जा रहे थे. मोड़ के पास उनका नियंत्रण गाड़ी पर नहीं रहा और गाड़ी डिवाइडर से टकरा गयी. इस दुर्घटना में तीनों लड़कों की मौत हो गयी. गौर करने वाली बात यह है कि तीनों बिना हेलमेट के थे, जिसके कारण उनके सिर पर गंभीर चोट लगी. यह एक दुखद घटना है, जिसके कारणों पर विचार करने की जरूरत है.

वर्ष 2015 में 15-34 वर्ष के 79,000 लोगों की सड़क दुर्घटना में हुई मौत

अगर आंकड़ों पर गौर करें, तो पता चलेगा कि वर्ष 2015 में 15-34 वर्ष के 79,000 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई. यह देश में सड़क दुर्घटनाओं में मारे गये लोगों का 54 प्रतिशत है. ध्यान वाली बात यह है कि सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले 42 प्रतिशत लोग तेज गति के कारण मारे जाते हैं. जिसमें 15-29 वर्ष के लोग सबसे अधिक हैं.

हवाई अड्डे के पास तीन छात्रों की मौत

ट्रैफिक नियम तोड़ने के कारण होती हैं दुर्घटनाएं

अकसर यह देखा गया है कि ट्रैफिक नियम के उल्लंघन के कारण दुर्घटनाएं होती हैं. लोग हेलमेट नहीं पहनते, गति पर नियंत्रण नहीं रखते, जिसके कारण ऐसी दुर्घटनाएं हो रहीं हैं. नियमानुसार 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनता है, बावजूद इसके नाबालिग लोग गाड़ी चला रहे हैं और कई बार यह दुर्घटना का प्रमुख कारण बनता है.

अभिभावक भी हैं कारण

अकसर यह देखा गया है कि अभिभावक अपने बच्चों को गाड़ी तब ही खरीद देते हैं, जब वे इसे चलाने की उम्र में नहीं होते और ना ही उनमें उतनी समझ विकसित हुई होती है. बच्चे भी अपने अभिभावकों पर गाड़ी खरीदने के लिए दबाव बनाते हैं. परिणाम यह होता है कि दसवीं तक पहुंचते-पहुंचते लड़के-लड़कियों के पास गाड़ी आ जाती है, जिसे वे अपनी उम्र के जोश में काफी तेज गति से चलाते हैं साथ ही लापरवाही के कारण ट्रैफिक नियमों की भी अनदेखी करते हैं और कई बार अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं.

सावधानी है जरूरी

युवाओं की सड़क दुर्घटनाओं में मौत ना हो इसके लिए सावधानी बहुत जरूरी है. ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह पालन हो. नाबालिग सड़क पर गाड़ी ना दौड़ा पायें इसके लिए विशेष व्यवस्था की जरूरत है. साथ ही अभिभावकों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे बच्चों को तबतक गाड़ी खरीद कर ना दें, जबतक कि वे बालिग ना हो जायें. साथ ही लड़कों को ‘हाई सीसी’ की गाड़ी खरीद कर ना दें. स्कूल प्रबंधन भी ऐसी व्यवस्था करे कि लड़के गाड़ी लेकर स्कूल ना आयें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें