नियम. झारखंड नगरीय जल संरक्षण एवं पेयजल नियामक प्राधिकार अधिनियम की अधिसूचना जारी
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी अध्यक्ष का चयन करेगी
सुनील चौधरी
रांची :बिजली की तरह अब पानी का टैरिफ का भी निर्धारण होगा. बिजली की मीटर की तरह पानी के मीटर लगाये जायेंगे. साथ ही लोगों को पेयजल के मानक के अनुरूप पानी मिले यह भी सुनिश्चित किया जायेगा. राज्य सरकार ने पानी के टैरिफ निर्धारण से लेकर जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने तक के कार्यों के लिए अब नियामक प्राधिकार बनाया गया है.
विधि विभाग ने ‘झारखंड नगरीय जल संरक्षण एवं पेयजल नियामक प्राधिकार अधिनियम 2016’ की गजट अधिसूचना जारी कर दी है. इसके साथ ही अब राज्य में प्राधिकार अधिसूचित हो चुका है. नगर विकास विभाग द्वारा इसके गठन की कार्रवाई की जा रही है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी चयन समिति प्राधिकार के अध्यक्ष एवं सदस्यों का चयन करेगी. मई माह तक इस प्राधिकार में अध्यक्षों एवं सदस्यों की नियुक्ति कर ली जानी है.
क्या होगा काम
झारखंड राज्य के अंतर्गत नगरों में निवास करनेवाले आमजनों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने, भूगर्भ जल संसाधनों के स्रोतों का संरक्षण, सतही जल के स्तर को ऊपर उठाने के लिए वर्षा जल के संरक्षण का काम होगा. साथ ही जल स्रोतों काे रिचार्ज तथा जल के वितरण व इससे संबंधित अन्य प्रयोजनों के लिए सतत और वैज्ञानिक जल प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए झारखंड नगरीय जल संरक्षण एवं पेयजल नियामक प्राधिकार की स्थापना की गयी है.
क्या है प्राधिकार की शक्तियां एवं कार्य
– झारखंड राज्य के अंतर्गत सभी नगरों में निवास करने वाले आमजनों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए निमित्त समय-समय पर आवश्यक कदम उठाना.
– भूगर्भ जल एवं सतही जल स्रोतों के जल स्तर बढ़ाने के लिए सरकार को सलाह देना.
– वर्षा जल संरक्षण के लिए सरकार को सलाह देना.
– शहर के अंतर्गत आनेवाली नदियों, तालाबों एवं अन्य स्रोतों के जल को पीन लायक रखने के लिए वैज्ञानिक जल प्रबंधन सुनिश्चित करना.
– जल संयोजन तथा जलापूर्ति की सेवा के बदले प्राप्त होने वाले वाटर चार्ज की प्राप्ति को शत प्रतिशत घरों से वसूल करने के निमित्त सरकार को सलाह देना. जनजागरूकता फैलाना.
– समय-समय पर वाटर चार्ज को लागत एवं सेवा के स्तर के अनुसार संशोधित करते हुए इसके लागू कनरे में होने वाले व्यय, भविष्य में सेवा के स्तर को निरंतर रखने के लिए सरकार, नगर निकायों एवं आमजनों की राय प्राप्त करते हुए लागू कराने में सहायता करना.
– घरेलू जलापूर्ति, उद्योग एवं अन्य व्यवसायों में प्रयुक्त सहती एवं भूगर्भीय जल के प्रयोग के लिए जल टैरिफ को निर्धारित एवं नियमित करना.
– बहुउद्देश्यीय जल परियोजना के उचित संचालन और रख-रखाव की लागत का निर्धारण करना.
– क्षेत्र की लागत एवं राजस्व संग्रहण का समय-समय पर पुनरीक्षण एवं मॉनीटरिंग करना.
– संतुलन के लिए कार्य करना.
– गैर राजस्व जलापूर्ति को कम करना.
– सभी घरों में जल से संबंधित मीटर लगाना सुनिश्चित करना.
– प्रत्येक वर्ष जल अंकेक्षण कराना तथा जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना.
– विभिन्न उपयोगकर्ताओं एवं विभागों द्वारा जलापूर्ति के प्रबंधन के लिए गुणवत्ता मानकों का निर्धारित करना एवं उसकी निगरानी करना और उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करना.
एक अध्यक्ष एवं दो सदस्य होंगे
प्राधिकार में एक अध्यक्ष एवं दो सदस्य होंगे. प्राधिकार का कार्यालय रांची में होगा और इसके अंतर्गत सारे नगर निकाय आयेंगे. अध्यक्ष के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक एवं न्यूनतम 25 वर्षों के प्रशासनिक तकनीकी सेवा में अनुभव की शर्त रखी गयी है. साथ ही राज्य सरकार में सचिव या अभियंता प्रमुख स्तर के वैसे पदाधिकारी जिन्हें शुद्ध पेयजल की आपूर्ति पेयजल की आपूर्ति, जल संचयन एवं जल संसाधन के क्षेत्र में कार्य करने के अनुभव की शर्त है.
वहीं, सदस्य तकनीकी के लिए पेयजल एवं जल संसाधन में 25 वर्षों तक काम करने वाले मुख्य अभियंता होने की शर्त रखी गयी है. सदस्य प्रशासन के लिए अर्थशास्त्र, समाज विज्ञान, सांख्यिकी, प्रबंधन में मास्टर डिग्री की योग्यता रखी गयी है. अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के लिए चयन समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे. विकास आयुक्त, नगर विकास एवं पेयजल सचिव इसके पदेन सदस्य होंगे.