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अवैध होर्डिंग से निगम को सालाना तीन करोड़ का चूना
नुकसान. गली-मोहल्ले की छतों पर भी लगने लगे हैं होर्डिंग उत्तम महतो रांची : राजधानी में लगाये गये अवैध होर्डिंग से रांची नगर निगम को हर साल तीन करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है. नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक शहर की सरकारी भूमि पर लगाये गये होर्डिंग की संख्या केवल […]
नुकसान. गली-मोहल्ले की छतों पर भी लगने लगे हैं होर्डिंग
उत्तम महतो
रांची : राजधानी में लगाये गये अवैध होर्डिंग से रांची नगर निगम को हर साल तीन करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है. नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक शहर की सरकारी भूमि पर लगाये गये होर्डिंग की संख्या केवल 350 के आसपास है. वहीं निजी जमीन व घरों की छत पर लगाये गये ऐसे होर्डिंग की संख्या केवल 700 के करीब है. जबकि, हकीकत इसके एकदम उलट है.
विज्ञापन एजेंसी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि राजधानी में सरकारी भूखंडों पर लगाये गये होर्डिंगों की संख्या जहां 800 से अधिक है. वहीं, निजी भवनों पर लगाये गये होर्डिंगों की संख्या तीन हजार से अधिक है.
क्या है खेल : शहर में विज्ञापन एजेंसियां न केवल अवैध होर्डिंग लगवा रही हैं, बल्कि निगम द्वारा आवंटित होर्डिंग की साइज में भी हेराफेरी कर रही हैं. हाल ही में एक विज्ञापन एजेंसी के होर्डिंग की जांच के दौरान नगर निगम ने उसके 15 हाेर्डिंग को मानक से दोगुना बड़ा पाया था. इस विज्ञापन एजेंसी ने एक साल में निगम को 30 लाख रुपये का चूना लगा दिया. बावजूद इसके नगर निगम की ओर से संबंधित विज्ञापन एजेंसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. उसे केवल चेतावनी देकर ही छोड़ दिया गया.
210 रुपये दे कर 600 रुपये प्रति वर्गफीट कमाती हैं एजेंसियां
होर्डिंग के खेल में विज्ञापन एजेंसियां मालामाल हो रही हैं. विज्ञापन एजेंसियां निगम को 210 रुपये प्रति वर्गफीट सालाना के दर पर टैक्स देती हैं और होर्डिंग लगाने के एवज में 600 रुपये सालाना वसूलती हैं. विज्ञापन एजेंसियां केवल वैध तरीके से निर्धारित जगह पर होर्डिंग की आधारभूत संरचना खड़ी कर बड़ी कमाई करते हैं.
नगर निगम में बंटता है कमीशन नजरअंदाज करते हैं अधिकारी
विज्ञापन एजेंसियों की होर्डिंगों से शहर शहर गली-मोहल्ले पटा हुए है. निगम की अनदेखी व लापरवाही के कारण अवैध होर्डिंग व विज्ञापन पट्ट लगाने का कारोबार दिनोंदिन फल-फूल रहा है. लोगों का कहना है कि अवैध रूप से लगाये गये इन होर्डिंग पर कार्रवाई नहीं होने का कारण विज्ञापन एजेंसियों द्वारा निगम में बांटा जानेवाला कमीशन है.
गली-मोहल्ले में फैल रहा है जाल : विज्ञापन एजेंसियों ने मुख्य सड़कों के साथ अब गली-मोहल्लों की ओर भी रूख किया है. अपर बाजार के महावीर चौक, गौशाला चौक, रांची एक्सप्रेस गली, रंगरेज गली, मैकी रोड, चुटिया मेन रोड, अरगोड़ा रोड, चर्च रोड, पुरुलिया रोड, एचबी रोड व रातू रोड से जुड़ी हर गली-मोहल्लों में हर दो-चार घरों को छोड़ कर छतों पर होर्डिंग, बैनर व पोस्टर देखे जा सकते हैं.
किस सड़क पर क्या है होर्डिंग की दर : होर्डिंग की दृष्टि से रांची नगर निगम ने पूरे शहर को तीन जोन में बांटा है. इसके तहत जोन ए में शहर के सबसे प्रमुख स्थल हैं. यहां होर्डिंग लगाने पर 210 रुपये वर्गफीट सालाना वसूला जाता है. वहीं जोन बी में कम व्यस्तम मार्ग है. इन सड़कों में होर्डिंग लगाने की दर 157 रुपये प्रति वर्गफीट है. वहीं जोन सी में ऐसी सड़क आते हैं, जो जोन ए व बी में नहीं हैं. ऐसी सड़कों पर होर्डिंग लगाने पर विज्ञापन एजेंसी निगम को 105 रुपये सालाना की दर से भुगतान करती है.
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