मुख्य सचिव को बुला सकती है कमेटी, समिति ने महालेखाकार के साथ की बैठक
टाटा सब लीज की ऑडिट रिपोर्ट पर हुई चर्चा, सामने आयी कई गड़बड़ियां
रांची : टाटा सब लीज मामले में विधानसभा की लोक-लेखा समिति सरकार का पक्ष जानेगी. टाटा सब लीज मामले में सीएजी की रिपोर्ट पर लोक-लेखा समिति ने विचार करना शुरू कर दिया है. गुरुवार को समिति के साथ महालेखाकार सी नेडुन्चेलियन ने भी कई बिंदुओं पर चर्चा की.
लोक-लेखा समिति इस मामले में मुख्य सचिव को बुलायेगी. लोक-लेखा समिति ने सब लीज मामले में बरती गयी अनियमितता के कई बिंदुओं पर चर्चा की है. नियम-कानून को ताक पर रख कर सब लीज बांटे जाने के मामले में तथ्यों पर गौर किया. सब लीज पर चर्चा के दौरान बात आयी कि सब लीज देने के मामले में ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट और एकीकृत बिहार के भूमि सुधार कानून का उल्लंघन हुआ है. जिन 59 लोगों को सब लीज दिये गये, उस संबंध में राज्य सरकार के निर्देश का भी पालन नहीं किया गया. राज्य सरकार ने समय सीमा के अंदर टाटा को लीज एग्रीमेंट करने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
बिना निबंधन के ही लोगों को जमीन पर कब्जा दिया गया. सरकार की ओर से जो वार्षिक किराया तय किया गया, वह भी नहीं दिया गया. बिना सरकार के आदेश के ही टाटा ने किराया वसूलने के नाम पर पांच प्रतिशत की राशि रख ली. लोक-लेखा समिति के पास यह भी मामला आया कि एक ही जमीन को सब-लीजधारी ने फिर तीसरे पार्टी को बेच दिया. लोक लेखा समिति की बैठक में सभापति स्टीफन मरांडी और सदस्य कुणाल षाड़ंगी ने महालेखाकार से रिपोर्ट के दूसरे पहलुओं पर भी चर्चा की.
अमिताभ कौशल की रिपोर्ट भी देख रही है समिति : जमशेदपुर के तत्कालीन उपायुक्त अमिताभ कौशल की रिपोर्ट का भी लोक-लेखा समिति अध्ययन कर रही है. तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी. श्री कौशल उस कमेटी में सचिव थे.
टाटा सब लीज मामले में गड़बड़ियों को लेकर श्री कौशल ने सरकार को रिपोर्ट भेजी थी. श्री कौशल की रिपोर्ट के आधार पर भी सरकार से जवाब मांगा जायेगा. सरकार ने सब लीज मामले में अनियमितता को लेकर अब तक क्या कार्रवाई की है, इसकी जानकारी मांगी जायेगी.