रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज रिम्स ऑडिटोरियम और रांची में सोलर रूफटॉप सोलर पावर पलांट का उद्घाटन किया.उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार ने विगत दो वर्षों में बचे हुये 30 लाख घरों में से 7 लाख घरों में बिजली पहुंचायी है और 2019 तक शेष 23 लाख घरों में बिजली पहुचाने के लिए सरकार कटिबद्ध है. उन्होंने कहा कि 2019 तक झारखंड 5 हजार मेगावाट की अपनी जरूरत को तो पूरा करेगा ही साथ ही पावर हब भी बनेगा.
झारखंड के वैसे 230 गांव जहां ग्रिड नहीं हैं, वहां भी सौर उर्जा के माध्यम से बिजली पहुंचायी जाएगी. जल्द ही 4 हजार मेगावाट पतरातू बिजली संयंत्र एवं साहेबगंज में गंगा पूल का शिलान्यास माननीय प्रधानमंत्री के द्वारा किया जाएगा. सीएम आज ने रिम्स ऑडिटोरियम, रांची में सोलर रूफटॉप सोलर पावर पलांट का उद्घाटन एवं उजाला योजना के तहत एलइडी ट्यूबलाइटों और उर्जा दक्ष पंखों के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 2019-20 तक राज्य में 2650 मेगावाट सौर उर्जा से बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
जिसमें से 500 मेगावाट रूफटॉप सोलर पावर प्लांट के माध्यम से किया जाएगा. इसी प्रकार ग्रीड कनेक्टेड रूफटॉप पावर प्लांट योजना के अन्तर्गत कुल 101 सरकारी भवनों में कुल 5000 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट के अधिष्ठापन की कार्रवाई की जा रही है. अब तक 68 सरकारी भवनों में कुल 3830 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट अधिष्ठापित किए जा चुके हैं.
मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि बच्चे हमारे सबसे कीमती संसाधन हैं. आने वाला झारखंड का कल उन्हीं पर निर्भर करेगा. जिन विद्यालयों में बिजली नहीं है वहां बिजली पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. सभी कस्तुरबा गांधी विद्यालयों में सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि उजाला योजना में झारखण्ड को प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ है. पूरे देश में 20.75 करोड़ एलइडी बल्ब का वितरण किया गया है, जिसमें से झारखण्ड में 84 लाख से अधिक एलइडी बल्ब का वितरण हुआ है. मुख्यमंत्री ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने के लिए उर्जा विभाग के सभी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को साधुवाद दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि रांची को सोलर सिटी बनायें. इस संबंध में नयी नीति आ गई है. कोई भी व्यक्ति अपने मकान के छत पर सोलर पावर पलांट लगाकर नेट मीटर के माध्यम सें ग्रीड को पावर सप्लाई कर सकता है. जिनके पास बंजर भूमि है, वे भी सोलर पावर फार्मिंग कर ग्रीड को पावर सप्लाई कर धनोपार्जन कर सकते हैं. सरकार द्वारा नहरों पर 116 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां सोलर पावर पलांट लगाया जाएगा. इससे नहरों के पानी का वाष्पीकरण भी कम होगा तथा गांवों को बिजली भी मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का 40 प्रतिषत कोयला झारखंड में रहने के बावजूद भी प्रदेश अंधेरा में रहा है. इस अभिशाप को दूर किया जा रहा है. उर्जा के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है. पहाड़ों पर रहने वाले आदिवासी भाई-बहनों को भी गरिमा के साथ जिंदगी जीने का अधिकार है. उनको भी सभी मूलभूत सुविधाएं मिले, इसके लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है.
उन्होंने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन से दुनिया चिंतित है. झारखंड में प्रदूषण न हो इसीलिए यहां उर्जा के वैकल्पिक स्रोत सौर उर्जा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मंदिर दो प्रकार के होते हैं. पहला अध्यात्म का मंदिर, जहां आत्मा से परमात्मा का मिलन होता है. दूसरा अस्पताल, जहां मनुष्य को दूसरा जीवन मिलता है. इसे स्वच्छ रखना हम सब का कर्तव्य है.